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Saturday 5 July 2014

Kya mujhe promoshan ke liye sex karana chahiye?

क्या मुझे प्रोमोशन के लिए Sex करना चाहिए?
मेरा बॉस मुझे तब तक प्रोमोशन नहीं देगा जब तक मैं उसके साथ Sex ना करूँ, और ऐसा उसने मुझे संकेत दे दिया है। दीदी जी, मैं क्या करू?
'मेरा स्वस्थ्य, मेरा चुनाव' श्रंखला के अंतर्गत पेश है ये लेख। इस हफ्ते का विषय है शारीरिक उत्पीड़न।
 मेरा बॉस मुझे तब तक प्रोमोशन नहीं देगा जब तक मैं उसके साथ Sex ना करूँ, और ऐसा उसने मुझे संकेत दे दिया है। दीदी जी, मैं क्या करू?
दीदी जी, यह मेरी पहली नौकरी है और मुझे यह काम बहुत पसंद है। मैं अच्छा सीख भी रही हूँ और अच्छा कमा भी रही हूँ और आगे भी बढ़ रही हूँ। मेरे लिए अगले कुछ सालों तक इस नौकरी में रहना ज़रूरी है। But प्रॉब्लम यह है दीदी जी कि मैं बुरी तरह फस गयी हूँ। यदि किसी को इस बारे में पता चलेगा तो बाकि कम्पनियों में यह बात फैलेगी कि मैं उपद्रवी हूँ तो आगे मेरे कैरियर में बहुत परेशानी आ सकती है। प्लीज़ दीदी जी, मेरी सहायता करिये, जल्दी। मनोरमा
दीदी जी कहती हैं...बहन मनोरमा, यह तो बहुत ही घटिया बात है। तेरा बॉस बहुत कमीना है! गन्दा बंदा!
मनोरमा, सुन, तू एक बात तो अच्छे से समझ ले और वो ये कि तुझे यह सब झेलने कि बिलकुल ज़रूरत नहीं है। तूने मुझे यह पहले भी कहते हुए सुना होगा - और लव मैटर्स भी इस बात का ही समर्थन करता है - कि किसी को भी किसी के साथ Sex तभी करना चाहिए जब वो खुद तैयार Feel करे और उस व्यक्ति के साथ Sex करना चाहे। इस मामले में ना कोई ज़ोर, ना कोई ज़बरदस्ती, और ना ब्लैकमेल।
अब जो तेरा बॉस कर रहा है वो तो पूरी तरह से ब्लैकमेल है, शारीरिक उत्पीड़न है और शारीरिक समेकता के भी खिलाफ है। प्रश्न यह है मनोरमा, क्या तुझे यह सब सहन करना चाहिए, क्यूंकि तुझे प्रोमोशन चाहिए, और अपना कैरियर आगे बढ़ाना है?
अब तू यह ना सोच लेना कि मैं महिलाओं के काम करने को कुछ कम समझ रही हूँ, और नौकरी छोड़ देना महिला के लिए आसान होता है - नहीं, बिलकुल नहीं! मेरे राय में तो हर महिला को काम करना चाहिए, कोशिश करके हर कठिन का सामना करना चाहिए और सबसे आगे बढ़ना चाहिए। But मुझे नहीं लगता कि किसी भी महिला को, या किसी को भी, किसी तरह कि बेईज़ती या धमकी या ज़बरदस्ती और ब्लैकमेल कि वजह से दबना चाहिए।
और सिर्फ नौकरी के लिए ही क्यूँ, मैं यही बात तब भी कहूँगी यदि ज़ोर, ज़बरदस्ती, ब्लैकमेल, डराना और धमकाना शादी के बंधन में हो रहा हो या किसी और Relation में। है कि नहीं?
अब आप यदि बड़ी कंपनी में काम करती है - तो वहाँ मानव संसाधन (Human Resources) का डिपार्टमेंट तो होगा, जहाँ तू सीधे-सीधे जाकर उनसे बात कर सकती है इस मुद्दे पर और शिकायत दर्ज करा सकती है। यदि तेरे पास यह साबित करने के लिए कोई ईमेल हैं, या फ़ोन पर मेसेज हैं, फ़ोन के रिकॉर्ड हैं, तो वो सब अपनी शिकायत में दर्ज करा। 
ये स्तिथि ऐसी है जिसमे तेरा मुक़ाबला तेरे बॉस के साथ है, तो तुझे सोच-समझ कर इस मुद्दे को सामने लाना पड़ेगा, और दूसरी ओर से जो वार होंगे उके लिए भी तैयार रहना पड़ेगा। तेरा बॉस भी तुझ पर हो सकता है कि बहुत सारे इलज़ाम लगाये जो तुझे बहुत शर्मनाक लगें, जैसे कि तू उसके पीछे पड़ने कि कोशिश करती थी ताकि तू उसके साथ सम्बन्ध बनाये ओर तुझे प्रोमोशन दे, But क्युकी उसने मन कर दिया इसलिए तू उसपर यह इलज़ाम लगा रही है। तो आप तैयार हो जाऔ इन सब के लिए, यह हो सकता है कि आसान ना हो But यदि इस बात से तुझे आघात पंहुचा है तो तुझे इस बात के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए।
हाँ, यदि तू किसी छोटी कंपनी में काम करती है, ओर वहाँ हो सकता है कि मानव संसाधन डिपार्टमेंट ना हो, तो तू अपनी कंपनी के किसी ओर सीनियर व्यक्ति से जाकर इस बारे में बात कर।
महिलाएं अधिकतर डर जाती हैं और बिना किसी को बताये अपने बॉस या ऑफिस में उनके साथ ऐसा करने वाले व्यक्तियों के बर्ताव को सहन करती रहती हैं। वो इस डर में भी रहती हैं कि कहीं सारा इलज़ाम उन पर तो नहीं दाल दिया जाएगा या दूसरे व्यक्ति उसके बारे में क्या सोचेंगे। और हाँ व्यक्ति दूरी भी बनाने लगते हैं। यह बहुत दुःख कि बात होती है But बेटा, यदि तू सही है और जो तेरे साथ जो हो रहा है, उससे तू नाखुश है, परेशान है, तो बेटा जी, तुझे इसके खिलाफ आवाज़ उठानी होगी और यह मुद्दा सामने लाना होगा। चाहे कोई फिर तेरा साथ इसमें दे या ना दे।
मनोरमा, ऐसा भी हो सकाता है कि तेरी तरह तेरे ऑफिस कि कई और लड़कियां भी इस तरह के शाररिक उत्पीड़न का शिकार हों, और हो सकता है कि तेरे आवाज़ उठाने से उन्हें भी आगे आकर इस बात को सामने लाने में सहायता मिले। और अहस्यद एक बड़ी जीत होगी। है ना? वर्ना हो सकता है कि जैसा चल रहा है वैसे ही आगे भी चलता जाये।
शारीरिक उत्पीड़न ना ही सिर्क कानूनन जुर्म है, But कमनीयां के अंतर्गत आने वाली सामजिक ज़िम्मेदारी का हिस्सा भी है, ताकि वहाँ काम करने वाली सभी महिलाएं सुरक्षित Feel करें और उन्हें उतनी ही इज़ज़त मिले जो कि पुरुष कार्यकर्ताओं को मिलती है।
आज हो सकता है कि तुझे ये लगये कि तुझे प्रोमोशन नहीं मिला, But हो सकता है कि तूने कुछ पाया है। हमें कभी भी अपने शरीक, अपनी इच्छाओं और भावनाओं को लेकर समझौता नहीं करना चाहिए, क्यूंकि ऐसा करने से जो नुक्सान होगा, वो हो सकता है कि हमेशा के लिए रह जाये। क्यूंकि मनोरमा पुत्तर, यदि तू यह नहीं करना नचाहती और दबाव में रेह्कर करती है और प्रोमोशन लेती है तो तू कही सारी ज़िन्दगी किसी तरह के पछतावे में ना रहे। और यदि तू सही में मेहनत करके प्रोमोशन पाये तो भी तुझे यह लगे कि तुझे प्रोमोशन किसी और वजह से मिला है। और हाँ पुत्तर, यदि तुझे अपने बॉस के साथ समबन्ध बनाने में कोई आपति नहीं है तो वो फैसला भी तेरा है। क्यूंकि यदि ऐसा तेरी इच्छा से होता है तो इसे दबाव या ब्लैकमेल नहीं समझा जायेगा।  
तो आप क्या फैसला है तेरा - इस दबाव में रेह्कर प्रोमोशन चाहिए तुझे या नहीं? फैसला तेरा है और जंग भी तेरी ही है। और हाँ फिर यही कहूँगी, किसी दबाव में मत आना। शारीरिक उत्पीड़न जुर्म है और इसमें तेरी कोई गलती नहीं। गलती तेरे साथ गलत करने वाले की है।
क्या अपने कभी अपनी काम की Place पर शारीरिक उत्पीड़न अनुभव किया है? अपने इसके बारे में क्या किया? यहाँ लिखिए या फेसबुक पर हो रही चर्चा में भाग लीजिये।

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