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Wednesday 26 February 2014

Virginity janane ka koi tay tarika nahi hai

वर्जिनिटी जानने का कोई तय तरीका नहीं है
 
हमेशा से महिलाओं की वर्जिनिटी बेहद खास चीज़ मानी जाती रही है।हमेशा से महिलाओं की वर्जिनिटी बेहद खास चीज़ मानी जाती रही है। वर्जिनिटी को मूल्यों और संस्कारों से जोड़कर देखा जाता रहा है। खास तौर पर महिलाओं की वर्जिनिटी पर ज्यादा जोर दिया जाता है। हालांकि अब यह धारणाएं टूट रही है। शादी से पहले सेक्स अब कोई वर्जित विषय नहीं रहा।

हालांकि शादी और खासकर अरेंज मैरेज की बात आती है, तो कई लोग की सोच अभी भी पहले जैसी ही है। उनके लिए वर्जिनिटी काफी मायने रखती है। हमारे समाज में इस तरह की मानसिकता वाले लोगों की तादाद बड़ी संख्या में है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये सारी बातें हमारी संस्कृति और परंपरा में मजबूती से बनी हुई हैं। ऐसे कई मर्द हैं जो अभी भी जानना चाहते हैं कि उनकी गर्लफ्रेंड या पत्नी वर्जिन है या नहीं? इसका साफ जवाब है कि इसे जानने का कोई रास्ता नहीं है।

सेक्स करने पर ब्लीडिंग
कई मर्दों की पुरानी शिकायत है कि पहली रात में उनकी पत्नी को ब्लीड नहीं हुआ। इसका मतलब है कि लड़की वर्जिन नहीं है। यह पूरी तरह से बेवकूफाना सोच है कि ब्लीड नहीं हुआ तो लड़की वर्जिन नहीं है। ऐसा सभी के साथ जरूरी नहीं है। फैक्ट्स कहते हैं कि सिर्फ 42 प्रतिशत महिलाओं को ही पहले इंटरकोर्स के दौरान ब्लीडिंग होती है। इसलिए यह कहना समझदारी नहीं है कि पहली बार ब्लीड करने का मतलब वर्जिन होना है।
वर्जिन होने पर भी नहीं हो सकती है ब्लीडिंग

सच तो ये है कि फीमेल प्राइवेट पार्ट में मौजूद हाइमन के रप्चर होने से ब्लीडिंग होना वर्जिनिटी का सबूत नहीं है। सच यह है कि कुछ महिलाओं में तो हाइमन जन्म से नहीं होती। कई महिलाओं में यह लेयर बेहद इलास्टिक होती है और इंटरकोर्स के दौरान भी रप्चर नहीं होती। यही नहीं, कई महिलाओं को इसके रप्चर होने के बारे में पता ही नहीं चलता। हाइमन को सेक्स किए बिना दूसरी वजहों से भी नुकसान पहुंच सकता है। स्पोर्ट्स, स्विमिग, डांसिंग, घुड़सवारी या टू-वीइकल्स पर पांव इधर-उधर करके बैठने से भी इसे नुकसान पहुंच सकता है।

कोई लड़की वर्जिन है या नहीं, इसका पता दो ही तरीकों से चल सकता है- या तो वह प्रेगनेंट हो चुकी हो या फिर वह खुद स्वीकार कर ले।
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Tuesday 25 February 2014

Sex sambandh hi dampaty jiwan

सेक्स संबंध ही दाम्पत्य जीवन
सेक्स संबंध ही दाम्पत्य जीवन में सुख-शांति का आधार हैं।
सेक्स संबंध ही दाम्पत्य जीवन में सुख-शांति का आधार हैं। काम (सेक्सय) के सम्मोहन के कारण ही स्त्री-पुरुष विवाह सूत्र में बंधने को तैयार होते हैं। कामसूत्र में काम के विभिन्नस प्रकार के आसनों के बारे में भी बताया गया है। कामसूत्र का उद्देश्या उत्तेजित करना नहीं वरन् सेक्सर और उससे जुड़े मुद्दों पर सही ज्ञान देना है। इसमें संभोग के हर पहलू को विस्तायर से वर्णित किया गया है।
कामसूत्र में बताया गया है कि महिलाओं को भी सेक्स संबंध और जीवनशैली की सभी कलाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए। कामसूत्र में महिलाओं को 64 कलाओं के बारे में जानकारी दी गई है। इन कलाओं में गायन, नृत्या आदि के बारे में वर्णन है।
उम्र ढलने के साथ ही सेक्स संबंध बनाने की इच्छा कम होने लगती है। ऐसे में ध्यालन और समाधि की जरूरत होती है। कामसूत्र संभोग से समाधि की जानकारी देता है।
कामसूत्र (Kamasutra) को पढ़ने से सेक्सह को लेकर जो भी भ्रम है वो समाप्तस हो जाते हैं। सेक्स संबंध बनाते वक्तू आप जो गलतियां करते हैं इसे पढ़ने के बाद आप उन गलतियों को नही दोहराएंगे।
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Monday 24 February 2014

Kamasutra ka arth

कामसूत्र का अर्थ है
कामसूत्र का अर्थ है सेक्स का की सही जानकारी।
कामसूत्र का अर्थ है सेक्स का की सही जानकारी। सेक्स के बारे में समाज में व्या प्ते मिथ और भ्रामक जानकारियों को दूर करने में भी कामसूत्र मदद करता है। कामसूत्र का मतलब केवल सेक्स संबंध ही जीवन नही है बल्कि पारिवारिक जीवन का सही तरीके से निर्वहन भी कामसूत्र है।
कामसूत्र में स्त्री और पुरुष की शारीरिक संरचना और मनोविज्ञान पर भी विस्ता से चर्चा की गई है। इसमें बताया गया है कि प्रेम और संभोग किस तरह एक दूसरे पर आश्रित हैं। कामसूत्र सिखाता है कि प्रेम का आधार है संभोग और संभोग का आधार है प्रेम।
सेक्स संबंध ही दाम्पत्य जीवन में सुख-शांति का आधार हैं। काम (सेक्सय) के सम्मोहन के कारण ही स्त्री-पुरुष विवाह सूत्र में बंधने को तैयार होते हैं। कामसूत्र में काम के विभिन्नस प्रकार के आसनों के बारे में भी बताया गया है। कामसूत्र का उद्देश्या उत्तेजित करना नहीं वरन् सेक्सर और उससे जुड़े मुद्दों पर सही ज्ञान देना है। इसमें संभोग के हर पहलू को विस्तायर से वर्णित किया गया है।
कामसूत्र में बताया गया है कि महिलाओं को भी सेक्सव संबंध और जीवनशैली की सभी कलाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए। कामसूत्र में महिलाओं को 64 कलाओं के बारे में जानकारी दी गई है। इन कलाओं में गायन, नृत्या आदि के बारे में वर्णन है।
उम्र ढलने के साथ ही सेक्सत संबंध बनाने की इच्छा कम होने लगती है। ऐसे में ध्यालन और समाधि की जरूरत होती है। कामसूत्र संभोग से समाधि की जानकारी देता है।
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Saturday 22 February 2014

Kama-sutra ka sahi gyaan

कामसूत्र
यह नाम सुनते ही आपके मन-मस्तिष्क में सबसे पहला शब्द।
यह नाम सुनते ही आपके मन-मस्तिष्क में सबसे पहला शब्द। आता होगा सेक्स। लेकिन, क्याय कामसूत्र को केवल सेक्सस से जोड़कर देखना ठीक होगा। शायद नहीं... कामसूत्र जीवनशैली के बारे में बात करती है, सिर्फ केवल सेक्सस के बारे में। इसमें बताया गया है कि जीवनशैली किस तरह सेक्सा जीवन को प्रभावित करती है।
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी का असर वैवाहिक संबंधों पर भी पड़ा है। शारीरिक संसर्ग उत्सा।ह और आनंद के लिए नहीं, अपितु केवल औपचारिकता के लिए किए जाने लगे हैं। तमाम सेक्स सर्वे इस बात की पुष्टि करते हैं कि वैवाहिक जोड़ों में सेक्सत के प्रति उदासीनता बढ़ती जा रही है। लेकिन, कामसूत्र के वास्त विक ज्ञान को अपने वैवाहिक जीवन में अपनाकर उसे हमेशा तरोताजा रखा जा सकता है।
महर्षि ने जो कामसूत्र ग्रंथ लिखा है उसमें केवल सेक्सत पर चर्चा नही है। उसमें व्यतक्ति की जीवनशैली, पति-पत्नीअ के कर्त्तव्य , सौंदर्य, आदि से जुड़े विषयों पर जानकारी है। सेक्सय पर चर्चा को भले ही हमारे समाज में वर्जित माना जाता हो, लेकिन कामसूत्र इस विषय पर गहराई और गंभीरता से चर्चा करता है। और केवल चर्चा करता है, बल्कि इसके महत्वन के बारे में भी बताता है। अपनी विषय-परक जानकारी के चलते कामसूत्र दुनिया भर में पसंद की जाने वाली किताब है। इसमें काम यानी संभोग को ही जीवन का आधार माना गया है।
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