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Monday 30 June 2014

Mujhe laga meri yoni nahi hai

मुझे लगा मेरी योनि नहीं है
मुझे लगभग भरोसा हो गया था कि मेरी योनि नहीं है", सबाना बताती हैं।
मुझे लगभग भरोसा हो गया था कि मेरी योनि नहीं है", सबाना बताती हैं। Sex करने के बारे में सोचकर ही मुझे कुछ अजीब सा लगने लगता था: आखिर कोई चीज़ कैसे मेरे शरीर में बिना चोट पहुंचाए प्रविष्ट कर सकती है? उनके मन के इस राय ने उन्हें इस बारे में भयभीत कर रखा था But इसी भय ने उन्हें सच को जानने का कौतुहल भी दिया।
जब भी मेरे दोस्त Sex के बारे में चर्चा करते थे तो मुझे लगता था कि हो सकता है कि मेरे साथ कोई गड़बड़ है। मेरी आँखों के सामने सिर्फ खून और तकलीफ आती थी। योनि मैथून कि कल्पना करना भी कठिन था। मुझे विश्वास था कि Sex करने से बहुत सारा खून बहेगा और हो सकता है कि लकवा भी हो सकता है। और Sex करने का कोशिश करते हुए हस्पताल पहुंचना बेहद शर्मिंदगी कि बात होगी!
जब भी मेरा Partner Sex के कोशिश में लिंग को प्रविष्ट करने कि कोशिश करता, मेरा पूरा शरीर  मानो अकड़ सा जाता। चाहे Sex से पहले का फोरेप्ले कितना भी अच्छा क्यूँ न हो,
योनि के भीतर लिंग डालने के कोशिश मात्र से ही मैं घबरा जाती थी। मुझे मन ही न लगने लगा कि मुझे ये मान लेना चाहिए कि मेरा शरीर योनि रहित है। और अपने इस बेवकूफी भरे ख्याल को अपने बॉयफ्रेंड से बांटनें में मुझे शर्म Feel हो रही थी।
ये ख्याल मेरा पीछा बेडरूम के बाहर भी करता ही रहता था। मैं Internet पर इस बारे जानकारी में ढूंढ़ने लगी और कोई भी जानकारी मुझे इस डर से आज़ाद नहीं करा पायी। मैंने एक करीबी दोस्त से इस बारे में बात करने का निर्णय किया। But अपने इस मूर्खतापूर्ण डर को ईमानदारी से कह पाना ज़रा कठिन था।
मेरा बॉयफ्रेंड इस समस्या के बारे में मेरी मानसिक अवस्था को समझ कर मेरा पूरा सहयोग करने कि कोशिश कर रहा था, But यदि उसका धैर्य ख़तम हो गया तो? Sex के लिए पूरी तरह उत्तेजित हो जाना और फिर Sex न करना हर बार आसान नहीं था। मुझे ये अपराध बोध सताने लगा- मैं उससे प्यार तो कटी थी But उसे अपनी इस मानसिक स्थिति के चलते Sex से वंचित रख रही थी। हो सकता है कि मैं उसके लिए 'अच्छी' नहीं थी।
शरीर पर बनने वाले टैटू कि तरह मेरा ये डर गहरा होता जा रहा था। जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैंने अपने Partner से इस बारे में बात कि। हम डिनर करने गए और उसके बाद फ़िल्म देखने। मुझे बहुत तसल्ली हुई जब मैंने सब कुछ कह दिया, जैसे कोई बोझ उतर गया हो।
एक रात मैं जब अकेली थी तो मैंने एक प्रयोग किया, मैंने एक इयर बड को अपनी योनि में डालने कि कोशिश कि ये जानने के लिए कि वो अंदर जायेगा या नहीं। मुझे कोई दर्द Feel नहीं हुआ। मैंने थोडा और सहस अर्जित किया और फिर एक ऊँगली प्रविष्ट कि, वो भी आसानी से अंदर प्रवेश कर गयी। धीरे धीरे मैंने तीन ऊँगली अंदर डाल कर देखि और मैंने पाया कि मुझे दर्द नहीं हुआ।
तो आखिर मेरे पास भी एक योनि थी जिसके अंदर कोई चीज़ प्रवेश कर सकती थी। अगली सुबह मुझे एक अजीब सी ख़ुशी थी। अगली शाम थोड़ी वाइन पीने के बाद आत्मविश्वास से भरी Sex के लिए तैयार मैं अकेली नहीं थी, मेरे बॉयफ्रेंड को भी अपना रास्ता ढूंढ़ने और प्रवेश करने में कोई तकलीफ नहीं हुई!
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Saturday 28 June 2014

Virginity ke 5 tathy

वर्जिनिटी के 5 तथ्य
वर्जिनिटी को किसी एक तरह से नहीं समझाया जा सकता है।
आज भी, बहुत साड़ी सभ्यताओं में लड़की का शादी तक वर्जिन होना (कुंवारापन ना खोना) बहुत ज़रूरी माना जाता है। और वर्जिनिटी से जुड़े हुए बहुत सारे मिथ्या है, जिनके बारे में जानना बहुत ज़रूरी है। तो पढ़िए इस हफ्ते कि 'पांच बड़े तथ्यों' में वर्जिनिटी के बारे में।
वर्जिनिटी को किसी एक तरह से नहीं समझाया जा सकता है। वर्जिन किसको समझा जाता है, इसके ऊपर भी व्यक्तियों कि अपनी-अपनी सोच है। जैसे कि, अधिकतर जब वर्जिन होने कि बात करी जाती है तो वो अक्सर महिलाओं के सन्दर्भ में ही करी जाती है। पुरुष कि वर्जिनिटी को कई समाजों में उतनी अहमियत नहीं दी जाती। अधिकतर व्यक्ति ऐसा मानते हैं कि जिस लड़की / महिला ने कभी योनि Sex नहीं किया हो, वो वर्जिन होती हैं। कुछ और व्यक्तियों के लिए, किसी भी तरह का लिंग मिलन जैसे कि ओरल Sex या गुदा मैथुन होने से भी माना जाता है कि वो वर्जिन नहीं हैं।
प्राचीन रोमन और ग्रीक सभ्यता में माना जाता था कि वर्जिन वो होती हैं जो पुरुषों से परे हों, और उस Time इस बात को अच्छा माना जाता था। फिर बाद में, इसको नाम दिया गया 'बिगड़ा हुआ ना होने का', और परिवार को इज़ात को बरकरार रखने का यदि शादी के Time तक लड़की वर्जिन हो। और, क्यूंकि गर्भ निरोधक उपाय उस Time या तो नहीं थे या ठेक से काम नहीं करते थे, इसलिए वर्जिन रहने का मतलब था शादी से पहले गर्भवती (Pregnant) ना होना।
हाइमन एक तरह से वर्जिनिटी का पवित्र प्याले जैसा है। ये चमड़ी कि पतली परत कि तरह होती है जो योनि कि द्वार पर होती है। यह वल्वा का हिस्सा होता है, But अंदर कि तरफ नहीं। हाइमन बहुत लचीला होता है, इसलिए कई बार योनि Sex या बच्चा पड़िए करने के बाद भी यह नहीं टूटती। और कई लड़कियों / महिलाओं के लिए, ये हाइमन बिना Sex के भी फट सकती है, जैसे कि कसरत के Time या गिरने से।
हाइमन को फाड़ने के लिए ज़ोर लगाने कि ज़रूरत नहीं होती। हाँ, But पहली बार Sex के दौरान आराम से Sex करने से आपका Sex अनुभव सुखद और मज़ेदार हो सकता है। ये भी एक प्रचलित मिथ्या है कि जब भी हाइमन टूटता है तो खून निकलता है। ऐसा हमेशा हो ज़रूरी नहीं। इसलिए यदि किसी महिला को पहली बार्स एक्स के दौरान खून ना निकले तो इसका मतलब यह नहीं कि वो वर्जिन नहीं है।
आखिर में, बहुत ज़यादा अनुभव वाले Doctor  भी कभी यह बात पूरी तरह से नहीं बता सकते कि महिला वर्जिन है या नहीं, इसलिए वर्जिनिटी टेस्टिंग भरोसेमंद नहीं है। वर्जिनिटी का पता लगाने का सिर्फ एक ही तरीका है और वो है खुद उस लड़की से पूछना और वो जो जवाब दे उसे मानना।
इस बड़े से शब्द का अर्थ है योनिच्छद को उन् महिलाऎं में फिर से बहाल करना जिनके पास सलामत योनिच्छद नहीं है। इस सर्जरी में योनिच्छद के दोनों सिरों को एक साथ खींच जाता है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि इस महिला ने योनि मैथून नहीं किया है और किसी और कारण से भी योनिच्छद को कोई नुक्सान अब तक नहीं पहुंचा है। ये साडी प्रक्रिया सिर्फ आधे घंटे कि है और सुन्न कर देने वाले इंजेक्शन के प्रयोग के कारन किसी भी प्रकार के दर्द से मुक्त है और पूरी तरह सुरक्षित भी है। हालाँकि ये कोई सस्ता सौदा नहीं है, इसकी कीमत अलग अलग Place के आधार पर हो सकती है।
कई सौ साल पहले Doctor  मानते थे कि योनिच्छद महिलाओं के लिए कई रोगों का कारण बन सकता है। वो ये भी मानते थे कि यदि इसका इलाज नो हो तो नतीजा मौत भी सम्भव था। और इसका इलाज था शादी और Sex क्यूंकि Sex से ही योनिच्छद नष्ट हो सकता था।
बहुत से व्यक्ति मानते हैं कि वर्जिनिटी से महिलाओं कि रक्षा हो सकती है। But दुर्भाग्य कि बात ये है कि वर्जिनटी को इतना बड़ा मुद्दा बनाकर महिाओं और लड़कियों के लिए वैसे ही हिंसा का खतरा बढ़ जाता है, उन् व्यक्तियों के द्वारा जो महिलाओं के Sex बर्ताव के बारे में फैसला सुनाने को इच्छुक रहते हैं। कई रूढ़िवादी समाजों में किसी लड़की के परिवार को आनन्द चखने के लिए उस लड़की का बलात्कार कर दिया जाता है। इतना ही नहीं, महिलाओं और लड़कियों को Sex करने से रोकने के लिए उनके जननांगों को काट देने कि घटनाएं भी सामने आयी थी, जोकि महिलाओं के लिए जीवन और स्वास्थ के लिए बड़ा खतरा प्रस्तुत कर देता है।

Friday 27 June 2014

Mujhe wo pasand hain lekin wo alag caste ka hai

मुझे वो पसंद है
मुझे एक लड़का अच्छा लगता है, But वो मेरी caste का नहीं है।
मुझे एक लड़का अच्छा लगता है, But वो मेरी caste का नहीं है। मैंने हमेशा से सोचा था कि मैं अपनी caste में ही शादी करुँगी - हो सकता है कि बचपन से यही सिखाया भी गया था। But वास्तव में मुझे ऐसे ही किसी लड़के कि चाह थी। यदि मैं उसके बारे में सीरियस हो गयी तो? please मुझे guide करिये- मेनिका (21)
मेनिका यदि तूने मुझसे सीधा प्रश्न पुछा होता तो मैं तुझे सीधा जवाब दे देती कि "जा जिसे प्यार करती है, उसे जाने मत दे- अच्छे लड़के आसानी से नहीं मिलते आजकल!" लेकिन, किन्तु, परन्तु मेनिका तूने जब बात समाज और caste कि है तो हमें ज़रा इस बारे में पूरी बात करनी चाहिए, अलग नज़रिये से!
सबसे पहली बात, प्यार किसी बंधन को नहीं जानता - प्यार में सौदा नहीं करते बेटा..यही सच है। But मुझे पता है कि समाज कई उलझनें पैदा करता है और इसके बारे में बात करना ज़रूरी है।
तूने कहा कि बचपन से तुझे यही सिखाया गया है। सच्ची? क्या तूने हर वो बात जिंदगी में उतरी है जो बचपन से सिखायी गयी? क्या तुझे गलत बात के खिलाफ प्रश्न उठाना नहीं सिखाया गया बचपन से? जात-पात के भेद के लिए क्या वाकई आज के ज़माने में कोई Place है?
तो मुझे ये मत बता कि बचपन से क्या सिखाया गया है। अपने आप से पूछ कि ये तो बोल रही है या तेरे अंदर तेरे परिवार और समाज का डर बोल रहा है। क्या तुझमे दम है अपने परिवार के खिलाफ जाने का, और हो सकता है कि उसके परिवार के खिलाफ भी? क्या सारी दुनिया से लड़कर उस एक इंसान के लिए तो सबका सामना करने कि हिम्मत रखती है?
प्यार किसी बंधन को नहीं मानता, वहीँ इस बात को नाकारा नहीं जा सकता
मेनिका जी, यदि तेरे मन में एक परसेंट संदेह है कि ये लड़का तेरे लिए सबसे अच्छी choice नहीं है- तो आगे मत बढ़। एक तरफ प्यार किसी बंधन को नहीं मानता, वहीँ इस बात को नाकारा नहीं जा सकता कि जातपात और समाज के बंधन इंसान कि अग्नि परीक्षा लेते हैं जिनसे बचना सम्भव नहीं है।
इन् मामलो में व्यक्ति अपने ही बच्चों के खिलाफ ऐसे कदम उठा लेते हैं कि इंसानियत से भरोसा उठ जाता है। मैं ये नहीं केह रही कि तेरे साथ ऐसा होगा But बुरे के लिए तैयार रहना समझदारी है। इसलिए गहरायी से सोच।
मेनिका, इस लड़के के साथ बैठ कर ठन्डे दिमाग से प्लानिंग करले कि कौनसी चीज़ें तुम्हारे लिए कठिन बन सकती हैं। हर सम्भव कठिनाई का जायज़ा लेना।
उसके बाद आराम से बैठ कर सोच कि क्या तो ये सब मुश्किलें झेल पायेगी? पापा का गुस्सा, मम्मी का रोना धोना, क्या तो इस तमाशे को झेलने के लिए तैयार है? ये सब सम्भव है, यदि ये हुआ तो कहीं तेरा इरादा बदल तो नहीं जायेगा?
अब ज़रूरी बात ये है कि आखिर तेरा ये राजकुमार लड़का कैसा है? क्या ये अपनी माँ का सामना तेरा हाथ थाम कर कर पायेगा? ये अच्छी तरह परख ले। एक कड़वा सच ये है मेनिका कि हम अक्सर दबाव में इरादा बदल देते हैं और ज़रूरी नहीं कि हम कमज़ोर हों, कई बार समझदारी इसी में होती है। इस दिशा में बढ़ने में रस्ते में कई तूफानों का सामना तुम करना पद सकता है, जहाँ तुम दोनों को एक दूसरे कि ताकत बनना पड़ेगा।
दूसरी तरफ, यदि तो ये रिस्क नहीं लिया तो हो सकता है कि तुझे उम्र भर उसके साथ रहना पड़ेगा जिसे कोई और तेरे लिए चुनेगा। इस बारे में ज़यादा बात करने कि ज़रूरत नहीं है कि ऐसी ज़िन्दगी में यदि प्यार, चाहत, दीवानगी नहीं हुई तो क्या होगा?
मेनिका कुछ टाइम लेके आराम से सोच। अपना मन बना ले और फिर अपने उस हीरो के मन को परख ले- सिर्फ रोमांस में पागल मत हो, उसका असली मानसिक दमखम अच्छी तरह जाँच लेना। और फिर फैसला लेना- अपने दिल का फैसला! मेरी दुआएं तेरे साथ हमेशा रहेंगी मेरी बच्ची!
क्या आप भी अपनी  caste के व्यक्ति से ही शादी करना पसंद करेंगे? मेनिका के लिए आपके पास कोई सलाह है? यहाँ या फिर फेसबुक पर अपनी राय हमें बताएं।
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Thursday 26 June 2014

Mahila Condom kya hota hai?

महिला कंडोम क्या होता है?
शुक्र है अब ये बदलने वाला है, पुरुष से महिला Condom
महिला Condom पुरुष Condom कि तुलना में हमेशा से थोड़े नीरस ही माने जाते रहे हैं। पुराने FC 1 और FC 2 कंडोम्स कुछ हद तक क्रन्तिकारी सिद्ध हुए थे But उनका उपयोग आसान नहीं था। साथ ही उनमे कोई फ्लेवर, कलर या टेक्सचर भी नहीं था।
शुक्र है अब ये बदलने वाला है, पुरुष से महिला Condom कि और रुख करना अब पहले से आसान और मज़ेदार होने वाला है। आइये देखते हैं कि महिला Condom से सम्बंधित क्या नयी चीज़ें भविष्य में देखने को मिलने वाली हैं।
क्यूपिड महिला Condom भारत में ही बनते हैं और ऑनलाइन 50-60 रूपए के मूल्य पर खरीदे जा सकते हैं। क्यूपिड Condom विश्व स्वास्थ संगठन से मान्यता प्राप्त इकलौता महिला Condom है- और ये अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।
क्यूपिड कि बाहरी रिंग अष्टकोणीय है जो इसे अपनी Place पर बने रहने में सहायता करती है। और आतंरिक रिंग कि Place इसमें एक गोल्फ बॉल के आकर का स्पंज है जोकि Condom को अपनी Place पर रोकने के साथ साथ वीर्य को सोखने का काम भी करता है। इससे वीर्ये के शरीर या बिस्तर पर गिरने  कि सम्भावना ख़त्म हो जाती है।
क्यूपिड अलग अलग रंग और ज़ायकों में आता है जैसे कि वैनिला। लेटेक्स से अलेर्जी वाले व्यक्तियों के लिए ये सही नहीं है- उन्हें पॉलीयूरीथेन विकल्प का उपयोग करना चाहिए।
महिला Condom 'पाथ' नाम कि एक गैर सरकारी संगठन कि पहल थी। यह Condom दूसरे महिला कोंडोम कि तुलना में मुलायम और पतला है। इतना ही नहीं, इसमें अंदर कि रिंग के स्थान पर फोम के टुकड़े हैं जो योनि कि दीवारों से सट कर इसे अपने स्थान से हिलने नहीं देते।
पाथ ने इस Condom के प्रवेश को आसान बनाने के लिए भी काफी मेहनत की है, जोकि अब तक के महिला Condom में एक टेढ़ा काम था। इसे उन्होंने एक बुलेट के आकर के पाउच में पैक किया है जोकि तंपन की तरह प्रविष्ट किया जाता है और बाहरी पैकेट एक मिनट में अंदर घुल जाता है Condom को अपने सही स्थान पर सेट करते हुए।
टी Condom सुनकर ही किसी Sex खिलौने और गर्भ निरोधन  उपाय का मिश्र लगता है।
टी Condom सुनकर ही किसी Sex खिलौने और गर्भ निरोधन  उपाय का मिश्र लगता है। इस दक्षिण अमेरिकी अविष्कार में पैंटी और Condom होते हैं। पैंटी में एक बदलने योग्य लाइनर होता है जिसमे Condom होता है। Condom को ऊँगली या लिंग की सहायता से प्रविष्ट किया जाता है। एक बार ऐसा करने के पष्चात Condom को फेंक सकते हैं, पैंटी को रखते हुए Condom को बदला जा सकता है।
इसका नकारत्मक पक्ष ये है की यह सिर्फ दक्षिण अमरीका में ही उपलब्ध है और Sex के दौरान अंडरवियर पहने रखना हो सकता है कि हर किसी को पसंद न आये!
रेड्डी कंडोम- इसे व वाओ , व् अमौर, लामोर या सूत्र के नाम से भी जाना जाता है जो की इस बात पर निर्भर करता है की आप किस स्थान पर इसे खरीद रहे हैं- यह लेटेक्स से निर्मित Condom है। इसमें भी एक स्पंज होता है जो इसे अपनी Place पर बनाये रखने में  सहायता करता है, और इसके प्रवेश को आसान बनाता है। Condom अपने आप में  एक पाउच के सामान है जो बाहरी त्रिकोणीय रिंग से जुड़ा हुआ है और योनि के बाहर Condom को अपनी Place पर रखता है।
ये Condom भारतीय ड्रग कण्ट्रोल अथॉरिटी और कुछ और संस्थानो से मान्यता प्राप्त है। साथ ही विश्व स्वास्थ संगठन से मान्यता प्राप्ति की प्रक्रिया में है, हो सकता है कि जल्द ही क्यूपिड की तरह यह भी संयुक्त राष्ट्र संस्थानों की लिस्ट में शामिल हो जाये।
बदलाव के साथ साथ उपयोग की दिशा में परिवर्तन आत रहता है जैसे की महिला Condom गुदा मैथून के लिए इस्तेमाल करने का प्रचलन अब बढ़ रहा है। पारम्परिक पुरुष Condom लिंग में कसाव पैदा करते हैं जबकि महिला Condom लिंग की गति को आसान बनाता है। यह योनि Sex के लिए तो फायदेमंद है ही साथ ही गुदा मैथून की भी आसान बना देता है।
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Wednesday 25 June 2014

Gori Ladakiya mujhe bahut pasand hai

गोरी लड़कियां मुझे बहुत पसंद है
संजय को गोरी लड़कियों बहुत आकर्षक और सेक्सी लगती हैं। दिलचस्प बात ये है कि उसकी गर्लफ्रेंड मनोरमा का रंग गेहुआं है
संजय को गोरी लड़कियों बहुत आकर्षक और सेक्सी लगती हैं। दिलचस्प बात ये है कि उसकी गर्लफ्रेंड मनोरमा का रंग गेहुआं है कुछ हफ्ते पहले मनोरमा को संजय कि इस गोर रंग वाली लड़कियों के प्रति आकर्षण कि बात पता चली और उसने Breakup करने का फैसला किया।
मैंने बातों बातों में हो सकता है कि मनोरमा को गोरी लड़कियों के प्रति अपने आकर्षण कि बात बता दी और कहते ही मुझे आभास हो गया कि मैंने ये शब्द बोल कर मुसीबत मोल ले ली है! अब तक मनोरमा के अनुसार मैं आधुनिक विचारों वाला, फेयरनेस क्रीम का मज़ाक उड़ने वाला व्यक्ति था। But मेरा ये सच सामने आते ही अचानक मेरी आधुनिक विचारधारा एक 'नाटक' बन गयी। उसे दो और दो चार करने में ज़रा भी वक़्त नहीं लगा। मेरी पसंदीदा हीरोइन गोरी थी, मेरे कंप्यूटर के पोर्न विडियो में गोरी लड़कियां थी और हो सकता है कि सड़क चलते मेरी नज़र जिन लड़कियों पर ठहरती थी वो भी गोरी ही थी। ये सभी बातें अचानक मनोरमा को एक साथ याद आ गयीं।
आखिरकार मैंने ईमानदारी से गोरे रंग के प्रति अपने आकर्षण को स्वीकार लिया। जब तक मनोरमा कि इस बात पर नाराज़गी नहीं हुई थी, मैंने कभी ये सोचने कि कोशिश नहीं कि थी कि आखिर मेरे इस आकर्षण के पीछे वजह क्या है? मैंने कोई जानबूझ कर तो गोरे रंग के लिए आकर्षण पैदा नहीं किया था, ये Natural रूप से मेरी पसंद बन गया। हो सकता है कि कई सालों से आसपास के व्यक्तियों को कहते हुए सुना था, "वो कितनी गोरी है, कितनी सुन्दर है।"
या फिर हो सकता है कि टीवी और मैगजीन्स में दिखने वाले इश्तेहार जिनमे गोरी लड़कियों को आत्म्विश्वास से भरा हुआ दिखाया जाता है और सांवली लड़कियों को निराश और नाकामयाब. गोरी त्वचा को इतना साफ़ और अनछुआ प्रस्तुत किया जाता है कि हो सकता है कि बरबस ही उसे छूने कि इच्छा मन में जाग्रत होने लगती है।
मुझे इस बात पर ज़रा भी संदेह नहीं कि मुझे मनोरमा के प्रति आकर्षण है। गोरे रंग को छोड़ कर मेरी पसंद के सभी मापदंडों पर मनोरमा खरी उतरती है। और महत्व्पूर्ण बात ये है कि हम दोनों कि आपस कि समीकरण बहुत ही अच्छी है, और हम एक दुसरे से बेहद प्यार करते हैं।
But मनोरमा ने कुछ सही प्रश्न उठाये। जैसे कि क्या Sex के दौरान मैं दूसरी गोरी लड़कियों के बारे में सोचता था? क्या मैं उसकी गोरे रंग वाली सहेलियों कि तरह आकर्षित था? क्या मेरे मन में कोई ऐसी लालसा थी जो पूरी करने के लिए मैं तड़प रहा था?
और जब मैंने इस बारे में सोचा, तो मैनेजना कि सच दरवास्तव यही था। मेरे मन में एक बार नहीं बल्कि बार बार गोरी लड़कियों के साथ Sex करने के ख्याल आते रहे, लकिन मैंने कभी ऐसा करने कि दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। मैं ऐसा करने कि कोशिश कर सकता था But मनोरमा के लिए मेरे मन में जो प्यार था, उसने मुझे कभी ऐसा करने नहीं दिया।
"यदि किसी दिन तुम अपनी इच्छा पर काबू न रख पाये तो?" मनोरमा ने गुस्से में मुझसे पूछा। और मेरे लाख समझने के बावजूद उसे मेरी बात पर यकीन नहीं हुआ कि मैं ऐसा नहीं करूँगा।
हम अभी के लिए एक दुसरे से नहीं मिलेंगे। "यदि हम मान भी लें कि तुम मुझे धोखा नहीं दोगे तो भी तुम्हारे मन में ये मलाल हमेशा रहेगा कि तुम अपनी पसंद के लड़की के साथ नहीं हो। इस बात कि भड़ास हमारे Relation पर देर सवेर ज़रूर निकलेगी। यदि वक़्त ने हमें साथ लेन का फैसला किया होगा तो हम फिर मिलेंगे। But अभी के लिए हमारे बीच कुछ नहीं है," मनोरमा ने आखिरी मुलाकात में कहा।
मुझे बिलकुल अंदाज़ा नहीं था कि मेरी छोटी सी परिकल्पना मेरे गहरे Relation को इतना नुक्सान पहुंचा सकने में सक्षम थी। मेरे Friends को आज भी लगता है कि Relation के ख़त्म हनी कि वजह सही नहीं थी। मुझे हर दिन अपराध बोध होता है और ये अफ़सोस भी कि मुझे मनोरमा जैसी अच्छी लड़की कभी नहीं मिलेगी।
हालाँकि मेरे चचेरे भाई अमन कि सलाह आज के दिन मुझे सबसे ज़यादा\व्यवहारिक लगती है," बाद में पछतावा करने से अच्छा है अलग हो जाना। तुम दोनों इस हालत में खुश नहीं रह पाते। यदि मेरी मानो भाई तो अपने दिमाग से गोरे रंग का फितूर एक बार में हमेशा के लिए निकाल दो। और ऐसा करने के लिए जाओ अपने अरमान किसी गोरी लड़की के साथ पूरे कर लो। और यदि फितूर उतर जाये तो मनोरमा को सच्चे दिल से वापस बुला लेना, वो ज़रूर आ जायेगी।

Tuesday 24 June 2014

Meri Nakam Lesbian Prem Kahani

मेरी नाकाम लेस्बियन प्रेम कहानी
यदि हम भाग भी जाएं तो हमें ढूँढ लिया जायेगा और मारा जायेगा। हम बेशक एक दूसरे से प्यार करते हों But हमारा समाज इस तरह के Relation को कभी मंजूरी नहीं देगा
"यदि हम भाग भी जाएं तो हमें ढूँढ लिया जायेगा और मारा जायेगा। हम बेशक एक दूसरे से प्यार करते हों But हमारा समाज इस तरह के Relation को कभी मंजूरी नहीं देगा", रचना का कहना है। रचना और उसकी लेस्बियन (Lesbian) साथी के पास अपने इस Relation को भूल कर लड़कों से शादी करने के सिवा कोई रास्ता नहीं है।
अगले महीने मेरी शादी हो रही है। मैं शादी नहीं करना चाहती पर मेरे पास कोई और चारा नहीं है। मेरी Partner ने अपने घरवालों कि पसंद के लड़के से शादी कर ली है। काश हम दोनों हमेशा साथ रह सकते! हमने कई बार भागने के बारे में सोचा But खाप पंचायत हमें कहीं चैन से नहीं रहने देगी।
मेरा परिवार हरियाणा से है और मैं नजफगढ़ में पली बढ़ी। मुझे शुरू से लड़कों कि तरह कपडे पहनना पसंद था और लड़कियों वाली कोई गतिविधि मुझे पसंद नहीं आती थी। इसका कारण क्या था मैंने ये जानने कि कभी कोशिश नहीं कि। आखिर क्यूँ मेरा ध्यान सलमान से ज़यादा माधुरी दीक्षित पर क्यों जाता था?
मुझे ये भी नहीं समझ आया था कि मेरी नज़रें मैनिका नाम कि उस लड़की पर क्यूँ रुकी थी जिसने कुछ दिन पहले मेरे ऑफिस में काम करना शुरू किया था। हम दोनों एक ही क्षेत्र से आते थे, और हो सकता है कि इसलिए हम जल्दो ही दोस्त बन गए। बस एक बात अजीब थी, उसके छूने से मानो मेरे शरीर में कंपकपी सी दौड़ जाती थी जैसे कोई बिजली का करंट।
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा क्यूँ हो रहा है But मुझे कुछ बेचैनी सी होती थी। उसे मेरे ऑफिस में 6 महीने हुए होंगे जब वो मेरे जन्मदिन कि पार्टी में आयी और गाल पर Kiss करते हुए उसके होठों ने मेरे होठों को गलती से छू लिया। अजीब बात ये थी कि मुझे अटपटा लगने कि बजाये अच्छा लगा।
हमें तुरंत ही अपराधबोध जैसा महसूस हुआ। उसके बाद हम दोनों ने एक हफ्ते तक बात नहीं की। मैंने समलैंगिकता के बारे में Internet  पर कुछ जानकारी अर्जित की और मैं जानना चाहती थी कि मैनिका के मन में क्या चल रहा है। मुझे तब तक मैनिका के लिए अपने इस लगाव का महसूस नहीं हुआ था।
और इसके एक महीने बाद मेरे और मैनिका के बीच का ये भावनात्मक जुड़ाव शारीरक Relation तक पहुँच गया। मुझे नहीं पता था कि हम क्या कर रहे हैं और इसका भविष्य क्या है But जो भी था वो अच्छा लग रहा था। हो सकता है कि इसीलिए हम समाज और परिवार के बारे में सोचना ही नहीं चाह रहे थे।
हमारे परिवार को हमपर कभी शक नहीं हुआ। क्यूंकि उन्हें हो सकता है कि लेस्बियन और समलैंगिकता के बारे में ज़यादा कुछ पता ही नहीं था। But आखिर अच्छा Time ख़त्म हो गया।
एक दिन मैनिका कि माँ ने उसके गले पर हमारे प्यार का एक निशान देख लिया और उन्होंने ये मान लिया कि मैनिका का हो सकता है कि किसी लड़के के साथ सम्बन्ध शुरू हो गया है।उन्होंने उसका घर से निकलना बंद कर दिया और तीन हफ्ते में लड़का ढूँढ कर उसकी शादी पक्की कर दी।
किस्मत ने हमें अजीब मंज़र पर ला खड़ा किया। मैनिका कि माँ ने मेरी माँ को फोन करके कहा कि बहनजी दिल्ली जाकर इन् लड़कियों के पर निकल आये हैं और इनके अफेयर शुरू हो गए हैं, हमने तो मैनिका कि शादी तय कर दी है और आप भी जल्दी ही रचना कि शादी कर दो। उन्होंने यहाँ तक कहा कि मैनिका के लिए जो लड़का देखा है, उसका एक दोस्त है जो रचना के लिए अच्छा रहेगा।
मेरी माँ को तो वैसे ही मेरी शादी कि जल्दी थी। तो उन्हें ये सुझाव अच्छा लगा और उन्होंने पापा के ज़रिये बात आगे बढ़ाई और मेरी शादी भी पक्की कर दी गयी। इस सारी जद्दोज़हद के बीच किसी ने मुझसे मेरी मर्ज़ी जानने कि कोशिश भी नहीं की।
मैं अभी सिर्फ ये कह सकती हूँ की यदि यह कहानी मेरी अपनी न होती तो हो सकता है कि मैं इस पर हंसती। क्यूंकि ये कितना अजीब है की मेरी इच्छा जाने बगैर मेरी शादी मेरी प्रेमिका के पति के दोस्त से की जा रही है।
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Monday 23 June 2014

Pyar akhir dimag men kaha rahata hai?

प्यार आखिर दिमाग में कहाँ रहता है?
वैज्ञानिकों ने इंसानी दिमाग के उस हिस्से को पहचाना जो हमें ये निर्णय लेने में सहायता करता है
वैज्ञानिकों ने इंसानी दिमाग के उस हिस्से को पहचाना जो हमें ये निर्णय लेने में सहायता करता है की हम किस व्यक्ति से प्यार करें। वासना को नियंत्रित करने वाला हिस्सा इस हिस्से से बिलकुल अलग है। इस बात की पुष्टि उस व्यक्ति के क्षतिग्रस्त दिमाग से हुई जो प्यार करने की क्षमता खो चुका है।
प्यार और वासना के बीच का अंतर लगभग सभी जानते हैं। वासना सिर्फ किसी व्यक्ति के प्रति क्षणिक शारीरक आकर्षण है। ये प्यार बिलकुल नहीं है और ये बात आपको भी पता होती है।
But 48 साल के इस व्यक्ति के प्यार होने के समीकरण समझना आसान नहीं है। कारण? दौर पड़ने से दिमाग के एंटीरियर इंसुला नामक हिस्से का क्षतिग्रस्त हो जाना।
वैज्ञानिकों को पहले से इस बात का थोड़ा अंदाज़ा था किसी दिमाग का ये हिस्सा प्यार की भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण होता है।
इसी अध्यन से दिमाग के एक और हिस्से के बारे में जानकारी मिली जिसका नाम है पोस्टीरियर इंसुला और ये हिस्सा वासना को नियंत्रित करता है। वैज्ञनैकों ने पता लगाया की कैसे एंटीरियर इंसुला के क्षतिग्रस्त होने की वजह से यह व्यक्ति साधारण व्यक्तियों की तरह प्यार के भाव Feel कर पाने में अब असमर्थ था।
जब इस व्यक्ति को कुछ आकर्षक महिलाओं की फोटो दिखाई गयी जो उसके मुताबिक सेक्सी थी- पोस्टीरियर इंसुला पूरी तरह से सक्रिय था। But जब पुछा गया की क्या उसे इस महिला से प्यार हो सकता है तो उसका दिमाग कोई फैसला नहीं ले पाया- दूसरे पुरुषों की तुलना में !
तो आखिर वासना और प्यार की प्रक्रिया हमारे दिमाग में अलग अलग कैसे चलती है? वासना तो निश्चित रूप से सिर्फ शारीरक प्रवर्ति है - और इस बात का महसूस हमें होता है और यदि वैज्ञानिकों की मानें तो वासना के संकेत मस्तिष्क से ही ठोस रूप में प्रवाहित होते हैं। और क्यूंकि प्रोस्टेरिओर इंसुला का सम्बन्ध हमारे शारीरिक संवेदनाओं से है जोकि हमारी शरीर की गति को भी नियंत्रित  करता है, किसी व्यक्ति के प्रति शारीरक आकर्षण का सम्बन्ध भी इससे होने की बात समझ आती है।
वहीँ दूसरी और प्यार का भाव होना एक जटिल प्रक्रिया है- यह शारीरक संतुष्टि की तरह सीधा और सरल मामला नहीं है। वैज्ञानिकों के अनुसार प्यार का निरूपण एंटीरियर इंसुला के द्वारा अमूर्त रूप से होता है। यही एंटीरियर इंसुला अनुभवों के आधार पर भावनाओं के निर्माण में भी मजबूत भूमिका निभाता है।
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Saturday 21 June 2014

Main 15 saal ki hoon lekin mujhe bachcha chahiyen

'मैं 15 साल की हूँ लेकिन मुझे बच्चा चाहिए'

मैंने बचपन से बच्चों के आसपास रही हूँ और उनका ख्याल रखा है और अब मुझे लगता है की मैं भी माँ बनने के लिए तैयार हूँ।
मैंने बचपन से बच्चों के आसपास रही हूँ और उनका ख्याल रखा है और अब मुझे लगता है की मैं भी माँ बनने के लिए तैयार हूँ। But मेरे आसपास के व्यक्ति मेरी बात सुनकर नाराज़ हो जाते हैं और कहते हैं की मैं अभी इसके लिए बहुत छोटी हूँ। But मुझे परवाह नहीं है- मैं जानती हूँ की मैं तैयार हूँ। क्या मैं गलत हूँ? रेहाना (15 ), दिल्ली
मैं कहती हूं...अरे रेहाना  बेटा तूने अपने आप को और साथ ही मुझे भी उलझन में डाल दिया है! खैर, अब तूने पूछ ही लिया है तो वादा कर कि मेरी बात ध्यान से और ठन्डे दिमाग से सुनेगी। ठीक है?
पुत्तर बात ऐसी है...मैं तेरी इस बात कि कद्र करती हूँ कि तू इस उम्र बच्चों का ख्याल रखती रही है और तुझे बच्चे पसंद हैं। But रेहाना  बेटे, बच्चों का ध्यान रखना अलग बात है और माँ बनना अलग बात है।
हो सकता है कि तुझे एक साथ कई बच्चों कि ज़िम्मेदारी सौंप दी गयी होगी, But ये बच्चे हमेशा तेरे साथ नहीं रहते होंगे बेटा। थोड़े Time के लिए तू इनका ख्याल रखती होगी, है ना?
मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि तू बच्चों का बहुत अच्छी तरह ख्याल रखती होगी, But दिन-रात नहीं सिर्फ कुछ Time के लिए। बेटा बच्चों कि फुल टाइम ज़िम्मेदारी कि बात कुछ और होती है।
अब मेरा अगला प्रश्न बेटा- आखिर तुझे इतनी जल्दी क्यूँ है? क्या इसलिए क्यूंकि तुझे लगता है की तू ये काम अच्छे से करती है तो तुझे अभी कर लेना चाहिए?
या इसलिए की तू इतने बच्चों का ध्यान रखती है की तुझे लगता है की अब तेरा अपना बच्चा होना चाहिए? या तुझे लगता है की तू इस क्षेत्र में अच्छा कर सकती है और किसी और में नहीं?
देखा? ये प्रश्न कितने अटपटे लगते हैं। क्यूंकि ये वाकई अटपटे हैं। तुझे गहरायी से सोच कर अपने आप से ये प्रश्न करना चाहिए," मुझे इतनी जल्दी क्यूँ है, ऐसा हुआ तो मेरी ज़िन्दगी कैसे अच्छा बनेगी, और इसका मेरे भविष्य पर क्या असर पड़ेगा?"
ये 21वीं सदी है बहन जी और आजकल कोई 15 साल की बच्ची स्कूल में ये नहीं कहती की माँ बनना मेरा ध्येय है।हो सकता है कि 100 साल पहले ऐसा होता था। और हो सकता है कि यही वजह तेरी ये बात सुनकर सब व्यक्ति अचरज में पड़ जाते हैं।
तेरा ध्यान एक और बात की तरफ ला दूँ। और वो ये की बच्चा आयेगा कहाँ से? तेरी उम्र में बच्चा गोद लेना तो क़ानूनी तौर पर सम्भव नहीं है और तेरी चाहत भी अपने बच्चे की ही है। उसके लिए तुझे समाज की मंजूरी और एक पति की ज़रूरत भी पड़ेगी।
क्या तेरी नज़र में कोई है जो इस के लिए तैयार हो? जो तेरे जैसी अच्छी लड़की के बच्चे के पिता बनने का फ़र्ज़ सही ढंग से अदा कर पायेगा। और इसके लिए तुझे Sex करना होगा, गर्भवती (Pregnant) होना होगा। क्या तू इसके लिए मानसिक और शारीरक रूप से तैयार है?
क्या इस तरह का जीवन भर का बंधन तू इस छोटी उम्र में इस जल्दबाज़ी के साथ बांधने को तैयार है?
क्या एक 16 साल की लड़की का शरीर बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार होता है? अब तो सभी तबके के व्यक्ति इस बात पर ध्यान देते हैं की गर्भवती (Pregnant) होने के लिए लड़की सही उम्र तक पहुँच चुकी हो। और तेरे स्कूल और पढ़ाई का क्या? क्या तेरे स्कूल वाले 15 साल की प्रेग्नेंट लड़की को क्लास में आने की इजाज़त देंगे? या फिर तू पढ़ाई ही छोड़ देगी? बता मुझे बेटा? तुझे लगता है की एक फ़िल्म में प्रीती ज़िंटा ने ऐसा ही किया था और तू भी कर पायेगी?
चल मान भी लिया की ऐसा हो जायेगा तो बेटा एक बात और भी है। बच्चे हमेशा बच्चे नहीं रहते, बड़े भी हो जाते हैं, जैसे कुछ साल पहले तू छोटी सी थी। और तब जीवन की हकीकत कुछ और होती है। हज़ारों ज़िम्मेदारियाँ, खर्चे, पढ़ाई और ना जाने क्या-क्या। ये सब काफी कठिन होता है बेटा जो हो सकता है कि आज की स्थिति में तेरे लिए समझना भी कठिन है।
बच्चो का ध्यान रखने और माँ बनने के अनुभव में ज़मीन आसमान का अंतर होता है। यदि तुझे बच्चे अछे लगते हैं तो बेबी-केअर हाउस में पार्ट टाइम नौकरी कर ले बेटा, तू बहुत कामयाब होगी। या बच्चों के उत्पादों का बिज़नेस प्लान कर ले। बच्चे अभी इस उम्र में प्लान मत कर बेटा!
इन् सब सवालों का जवाब ढूँढ रेहाना , और फिर सोच की तुझे ज़िन्दगी में किस दिशा में जाना है। यदि तू अच्छी माँ बनना चाहती है तो अच्छा माँ बनने की पढ़ाई कर!
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Friday 20 June 2014

Mere pati meri yoni nahi khoj paa rahe the

मेरे पति मेरी योनि नहीं खोज पा रहे थे!
और सुहागरात पर, जब दोनों को लगता है की वो Sex के लिए तैयार हैं
"एक लड़के और लगकी की शादी होती है। और सुहागरात पर, जब दोनों को लगता है की वो Sex के लिए तैयार हैं, तो उन्हें योनि ढूंढने में कठिन होती है! सुनने में मज़ाक लगता है, But हो सकता है कि तब नहीं यदि आप वो लड़की हों जिसके पति को उसकी योनि खोजने के लिए टोर्च का सहारा लेना पड़े," ममता का कहना है।
आखिरकार वो रात आ गयी थी। हमारे पास Condom भी थे और हमें लगा की हम Sex के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हम मेरे ससुराल में थे और Sex करना चाहते थे क्यूंकि हमें अब Sex करने की औपचारिक मंज़ूरी हमारी शादी के कारण मिल गयी थी। But हम अपने इस मिलन को सार्वजनिक नहीं होने देना चाहते थे इसलिए हमने दरवाजा बंद कर बत्तियां भी बुझा दी।
हम दोनों दो साल से रिलेशनशिप में थे और साधारण व्यक्तियों की ही तरह हमारी भी इच्छाएं थीं। हमने एक दूसरे को छुआ था, Feel किया था But वो बड़ा कदम नहीं उठाया था।
उस रात सब अजीब लग रहा था, जैसे हम दोनों एक दूसरे से पहली बार मिले हैं। मुझे शर्म और झिझक Feel हो रही थी। हम दोनों ही काफी नर्वस थे। मैंने बायोलॉजी की किताबें और 'मिल्स एंड बोनस' के नोवेल्स तो बहुत पढ़े थे But वो पढ़ाई मुझे कुछ ख़ास काम आती दिखाई नहीं दे रही थी।.
हमने शुरुवात किसिंग से की और धीरे धीरे कपडे उतरने लगे। एक अजीब से ख़ामोशी थी और बीच बीच में शर्म वाली मुस्कान। यहाँ तक ही हमने किसिंग के दौरान भी कोई आवाज़ नहीं की ताकि हमें शर्म न आए।
और जब वो पल आया जब हमारे शरीर पर सिर्फ एक ही कपडा बचा था, मेरी हिम्मत जवाब दे गयी। मैं Sex करना चाहती But मुझे डर सा लग रहा था। वो भी रुक गया, और उसने कहा की जब तक मुझे आदि Feel न हो वो इंतज़ार करने के लिए तैयार है। उसने मुझे साधारण Feel कराया और हिम्मत जुटा कर मैंने किसिंग का दूसरा दौर शुरू किया और उसे आश्वस्त किया की मैं बिलकुल आदि हूँ।
इस से हम दोनों फिर से थोड़ा साधारण हुए और फिर से अपने इस मिलन की जद्दोजहद में जुट गए। मैं चाहती थी की वो मेरे अंदर प्रवेश करे। अचानक चीज़ें तेजी से होने लगी। मैं Condom पहनने में उसकी सहायता कर रही थी और जैसे ही हमें लगा की वो पल आ गया है, अचानक वो मेरी योनि ही नहीं ढून्ढ पा रहा था! क्या घबराहट के कारण मेरा शरीर सिकुड़ गया था या फिर हो सकता है कि इसलिए की हम दोनों इस मामले में अनाड़ी थे। पता नहीं क्या था!
उसे देख कर ऐसा लग रहा था मानो वो कोई बच्चा है जो मानता है Sex उसका पसंदीदा टॉपिक है But वास्तव में उसे Sex के बारे में कुछ नहीं पता था। हम दोनों ही शर्म से लाल हो रहे थे। हम दोनों को पता था की योनि कहाँ होती है But हो सकता है कि घबराहट के चलते लिंग तो दूर की बात उसकी उँगलियाँ भी सही Place तक नहीं पहुँच रही थी।
आखिर उसने अपना मोबाइल निकला और उसकी रौशनी में उस छुपे खजाने की तलाश करने की कोशिश की जिसे हम दोनों तलाश रहे थे। हम दोनों को मूड बदल गया और हंसी छूट गयी। थककर हम दोनों ने चुप चाप एक दूसरे के बाँहों में सोने का फैसला किया।
वो रात हमारे लिए ख़ास थी, ख़ास होने की वजह और व्यक्तियों के अनुभव से अलग थी। हमने कुछ दिन बाद आखिरकार बिना टोर्च की सहायता के Sex किया। हनीमून के दौरान माहौल थोड़ा हल्का था और हमारी झिझक भी कम हो चुकी थी। साथ ही हमने Internet से कुछ जानकारी भी अर्जित की थी।

Pyear men ham naadan kyan ban jele hai

प्यार में हम थोड़े नादान क्यों बन जाते हैं?
http://jkhealthworld.com/hindi/सेक्स-थैरेपी
नए प्यार का महसूस हमारी सोचने की शक्ति पर असर डाल सकता है। और महसूस जितना गहरा हो, असर भी उतना ही ज़्यादा हो सकता है।
प्यार में होने का महसूस बिलकुल निराला होता है। काफी उतार-चढाव का दौर होता है, उनकी आवाज़ सुनकर या झलक पाकर एक करंट सा दौड़ जाना या उनसे दूर रहकर उनसे मिलने की तड़प!
Relation की शुरुवात में अपना सारा ध्यान अपने प्रेमी या प्रेमिका पर लगा डालना साधारण बात है। कठिन तब शुरू होती है जब आपको और चीज़ों पर भी ध्यान देना पड़ता है। ऐसे में छोटे-छोटे काम भी चुनौती के समान बन जाते हैं।
इसके पीछे की वजह ये है की प्यार हमारी सोचने की शक्ति पर आघात कर सकता है, हाल में हुए एक सर्वे से पता चलता है। यह पहला अध्ययन है जो इस बात की पुष्टि करता है की प्यार हमारे 'ज्ञानात्मक नियंत्रण' खो देने की वजह बन सकता है। और इसका मतलब है की आप होमवर्क करने से लेकर किसी परेशानी का तार्किक हल निकालने तक में परेशानी Feel कर सकते हैं।
इस अध्यन में 43 Young जोड़ों से कुछ टास्क करने को कहे गए जिनसे उनकी एकाग्रता का परिक्षण हो सके। ये वो व्यक्ति थे जिन्हे कुछ महीनो पहले ही प्यार हुआ था।
अध्यनकर्ताओं ने पशनोमेट्रिक अमोरस्कोप की सहायता से उनके प्यार की गहरायी को भी मापा। जी हाँ, यह पिछला वाक्य झूठ है! उन्होंने सिर्फ एक प्रश्नावली की सहायता से प्रेमी युगलों के 'मस्त मौला' या 'दीवानेपन' होने का पता लगाया। इन् सवालों के आधार पर एक से नौ अंकों का स्कोर दिया गया।( जी हाँ, आप भी इस प्रश्नावली के ज़रिये अपने दीवानगी या प्यार की गहरायी का स्तर माप सकते हैं)

Thursday 19 June 2014

16 saal ki umar men pahli date

16 साल की उम्र पहली डेट
मेरे माता-पिता भारतीय हैं But मैं जन्म से कनाडा में ही रह रही हूँ।
मेरे माता-पिता भारतीय हैं But मैं जन्म से कनाडा में ही रह रही हूँ। 16 साल की उम्र में मैं अपनी पहली डेट पर जाना चाहती थी। मैंने अपने पापा से पुछा की मैं क्या एक लड़के के साथ फिल्म देखने जा सकती हूँ? उन्होंने मन कर दिया। उनका कहना था,"हाथ पकड़ने से बात किसिंग तक पहुँचती है और फिर प्रेग्नेंसी तक!"
हम तीन बहनें थीं और हमारे परिवार में कभी Sex के बारे में कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई। मेरे आसपास ज़्यादातर बच्चे कनाडा मूल के थे जो की खुलकर Sex के बारे में बात करते थे और लगभग सभी डेट्स पर जाना शुरू कर चुके थे। But हम ऐसा नहीं कर सकते थे। मेरे भारतीय मूल के दूसरे दोस्त भी अपने माता पिता से झूठ बोलकर और छिपकर बाहर जाते थे।
किन्तु मैं अपने पेरेंट्स से झूठ बोलकर ऐसा नहीं करना चाहती थी, इसलिए जब एक लड़के ने मुझसे डेट पर चलने के लिए कहा तो मैंने हिम्मत कर उनसे खुल कर पूछ लिया। मुझे लगा था क्यूंकि मैं दिन में सिर्फ एक फिल्म देखने की अनुमति ले रही हूँ, तो वो आसानी से हाँ कह देंगे।
मैं गलत थी. मेरे पिता ने सुनते ही मन कर दिया। उन्होंने कहा, "अभी तुम लड़कों को जानने समझने के लिए बहुत छोटी हो। मुझे भी याद है इस उम्र में हार्मोन्स का असर। अपने आप पर काबू नहीं रहता। हाथ पकड़ने से किसिंग और गर्भवती (Pregnant) तक बात पहुँच जाती है।"
मुझे बहुत गुस्सा आया। मैं तो एक जिम्मेदार बेटी की तरह उन्हें सच बताकर उसकी अनुमति से बाहर जाने को कह रही थी। मेरे पापा इस बारे में और बहस करने के लिए बिलकुल तैयार नहीं थे। हो सकता है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा था की मैं Sex करने या प्रेग्नेंट होने नहीं जाना चाहती थी, मैं सिर्फ एक लड़के के साथ मूवी देखने जाना चाहना थी।
मेरे पिता की Sex के बारे में ये मनघडंत कहानी अजीब थी। मुझे इसमें कोई तर्क नहीं नज़र आया। उन्होंने जो कहा वो सही नहीं था। वो एक पढ़े लिखे व्यक्ति हैं जिन्हे Sex के बारे में सब जानकारी थी, बस उन्हें अपनी बेटी से ये जानकारी शेयर करने के लिए सही तरीका पता नहीं था। उस दिन मुझे समझ आया की Sex के बारे में बात करना हो सकता है कि इतना सरल नहीं था।
पेरेंट्स अपने बच्चों से इस टॉपिक के बारे में बात करने के लिए मानसिक रूप से तैयार ही नहीं हो पाते, खासकर भारतीय परिवेश में जहाँ सामाजिक बंधन और मर्यादाओं का अम्बार सा होता है। मेरी पूरी युवावस्था के दौरान यही कठिन मेरी भी रही। मैं कभी खुलकर अपने पेरेंट्स से अपने रेलशनशिप के बारे में बात ही नहीं कर पायी, क्यूंकि इस बात का सम्बन्ध कहीं न कहीं Sex से भी जुड़ जाता है।
यदि मैं बीते Time में जाकर कुछ बदल सकती तो मैं अपने माता पिता के द्वारा दी गयी गलत जानकारी को बदल देती। मैं उनसे इससे ज़्यादा ईमानदारी, खुलेपन और परिपक्क्वता की उम्मीद रखती थी, नाकि ये गलत बात सुनने की, कि हाथ पकड़ने और किसिंग से प्रेग्नेंट हो सकते हैं।
आखिरकार मैं डेट पर गयी, और मुझे वो लड़का आकर्षक ही नहीं लगा। हमने न हाथपकड़े, न किश किया और न ही मैं प्रेग्नेंट हुई, But Sex को लेकर जो हौव्वा बना था, उसका खात्मा हो गया।

Wednesday 18 June 2014

Sex ka Dar aur Kuvari matayen

Sex का डर और कुंवारी माताएं
मनोरमा  और अमन हाई स्कूल से एक दूसरे से प्यार करते थे
लिंग के योनि में प्रवेश करने का डर बहुत सी महिलाओं के लिए Sex लगभग नामुमकिन बना देता है मनोरमा  और अमन हाई स्कूल से एक दूसरे से प्यार करते थे और उन्होंने 18 साल की उम्र में शादी कर ली मनोरमा  का पहला Sex Partner अमन ही था, और हालाँकि Sex मनोरमा  के लिए शुरू से ही तकलीफ और दर्द से भरा अनुभव था और शादी के तुरंत बाद ही वो गर्भवती (Pregnant) हो गयी थी उनकी बेटी के जन्म के बाद भी जब बैडरूम का अनुभव कुछ अच्छा न हो सका तो उन्होंने Doctor की सलाह ली स्त्री रोग विशेषज्ञ ने मनोरमा  से कई प्रश्न करने के बाद निष्कर्ष निकला और कहा,"मनोरमा , क्या तुम्हे महसूस है की तुम अभी भी वर्जिन हो?"
आप सोच रहे होंगे की ये कैसे संभव है की मनोरमा  माँ बनने के बाद भी वर्जिन है? उनकी Doctor  ने पाया की उसे वजैनिस्मस है, जिसमे महिला के योनि के बाहर का भाग उसके Control से पर सिकुड़ जाता है जब किसी महिला को यह तकलीफ हो तो Sex बहुत पीड़ादायक महसूस बन जाता है और मांसपेशियों की अकड़न इसे और कठिन बना देती है
कुछ दुर्लभ मामलों में ये भी संभव है महिला गर्भवती (Pregnant) हो गयी जबकि वास्तव में लिंग योनि के भीतर प्रविष्ट नहीं हुआ था, लिंग के योनि के नज़दीक होने के कारण स्खलित हुआ वीर्य अंदर प्रवेश कर गया और गर्भ ठहर गया चिली में किये गए सर्वे के परिणाम काफी दिलचस्प हैं जिसमे पाया गया की 260 में से 10 महिलाओं की यही कहानी थी ये सभी महिलाएं गंभीर Relation में थी और अपने Partner के साथ Sex में कठिन होने के कारण Doctor  से मिली थी
वजैनिस्मस की वजह से होने वाली अकड़न वास्तव में प्रविष्ट होने से पहले की ही है- चाहे वो से के दौरान हो, या गयेनेकोलॉजिस्ट के परिक्षण के दौरान हो या फिर Sex के ख्याल मात्र से इस से जूझने वाली महिलाओं ने अक्सर कभी हस्तमैथुन भी नहीं किया होता
इस परेशानी की एक वजह है महिला के मन का डर कि जब उनका Partner लिंग को योनि के भीतर डालेगा तो असहनीय दर्द होगाकुछ महिलाओं में ये डर बिना Sex आज़माये ही बैठ जाता है उनकी धरना बन जाती है कि योनि का आकर लिंग के लिए बहुत छोटा है और इसलिए लिंग का प्रवेश दर्द का कारण बन जायेगा और कई बार सामाजिक रूढ़िवादिता के चलते Sex के बारे में सही जानकारी कि कमी इस रोग कि वजह बन जाती है
But इस तकलीफ से जूझ रही महिलाओं के लिए शुभ समाचार हैंइलाज जादू कि तरह काम करता है चिली के सर्वे में जो महिलाएं शामिल थी, Doctor सलाह के बाद उन् सभी महिलाओं का Sex जीवन साधारण हो गया
वजैनिस्मस का सही इलाज शारीरिक के साथ मानसिक उलझन को दूर करके ही संभव है भौतिक चिकित्सक महिलाओं को योनि कि मांसपेशियों कि अकड़न पर काबू पाने और दर्द से निजात पाने में सहायता कर सकता है वहीँ, मनोचिकित्सक Sex से जुडी सही और पूरी जानकारी देकर मन में अपने डर को ख़त्म करने में सहयोग कर सकता है
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