साथी सही है या गलत इसका चुनाव कैसे करें
स्वस्थ रिश्ता उसी को कहा जा सकता है जिसको चलने में अधिक संघर्ष न करना पड़े। यदि साथ निभाने के लिए कुछ ज़्यादा ही कोशिश करने पड़े रहे हों, तो कई बार उसको छोड़ देना ही अच्छा है। But यदि आपके बीच कुछ जुड़ाव है, तो Relation को सफल रूप से चलने के लिए सभी कोशिश करने चाहिए।कुछ व्यक्ति कहते हैं की उन्हें पहले ही पल से Feel हुआ की उन्होंने जिसे अपना साथी चुना है, वही उनके लिए सही था। But आप और हम जैसे बहुत से व्यक्तियों के लिए राह इतनी आसान नहीं हो पाती जितनी खुशहाल ज़िन्दगी के लिए मेहनत करनी पड़ती है।
हो सकता है की हमारे बीच बहुत अधिक प्यार हो But अपने साथी के सामने हम वास्तव में हम नहीं हो पाते। ऊपर से देखने पर हो सकता है कि सब साधारण दिखता है। हो सकता है कि जीवन में हमारे लक्ष्य, हमारी पसंद मिलती जुलती है और हम एक जैसी पृष्ठभूमि से आते हैं, But जब बात एक दूसरे के लिए दीवानगी की आती है, तो कहानी कुछ और ही हैं क्यूंकि हो सकता है कि वो दीवानगी कहीं है ही नहीं।
आप ये कैसे सोच सकते हैं कि जिस Relation के लिए आप अपना सब कुछ न्यौछावर करने को इच्छुक हैं, क्या वो इसके योग्य है या नहीं?
.मेरे राय में किसी भी ख़ुशी का आधार है खुद से खुश होना और Young अवस्था में ऐसा होना अक्सर कठिन होता हैI जब आप Young होते हैं तो अक्सर आप सिर्फ अपनी कमियों पर ध्यान देते रहते हैं। आप सिर्फ इस बात पर ध्यान देते हैं कि आप में फलां खोट है जो दूसरे में नहीं है। ऐसा काम ही होता है जब कोई Young खुद से कहे,' मैं लाजवाब हूँ"
अपने दिल कि बात बेझिझक एक दूसरे से कह पाना। एक दूसरे को ईमानदारी से अपने दिल का हाल कह पाने कि आज़ादी, और जब दूसरा व्यक्ति भी आपकी बात को बिना बुरा माने समझ सके, ये काफी महत्वपूर्ण है।
मेरा अनुमान है कि यदि चीज़ें सहजता से बही चल पा रहीं तो बहुत कोशिश करना समय और ऊर्जा नष्ट करने जैसा है। रिश्ता ऐसा नहीं होना चाहिए कि जैसे आप उसे धकेल रहे हैं या हर समय किसी और के इशारों पर नाच रहे हैं। क्या ये सही होगा? कहीं ये गलत तो नहीं होगा? कहीं मैंने कुछ गलत तो नहीं कह दिया? ये सब प्रश्न स्वस्थ Relation कि निशानी नहीं हैं। स्वस्थ रिश्ता वो है जो बिना कठिनाई के चल सके, इसलिए हो सकता है कि उसे स्वस्थ कहा जाता है।
तो यदि किसी को आप में केवल कमियां दिखाई देती हैं, या आपको लगता है कि उस व्यक्ति को आपके होने न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता, तो ये दलदल से बहार निकलने का सही कारण हैI आपका साथी बनने का हक़दार वो है जो आप कि तरह सोचता हो और आपके उसके जीवन में होने पर गर्व Feel करता हो।
कुछ किस्मत वाले व्यक्तियों के हो सकता है कि ऐसे बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड हों जीमे उन्हें सच दोस्त दिखाई देता हो। जिससे आप दिल कि हर बात साझा कर सकते हैं और जिसका दिल आप कभी नहीं दुखाना चाहतेI But यदि कोई व्यक्ति बिना आपकी परवाह किये कुछ करता है तो वो वास्तव में आपका दोस्त है ही नहीं।
कोई भी कदम उठाने से पहले खुद से ये प्रश्न कर लेना अच्छी परीक्षा होगी," क्या मैं अपने दोस्त के साथ ऐसा करूँगा? क्या कभी मेरा दोस्त मेरे साथ ऐसा कर सकता है?" यदि इस कसौटी में खरा न उतर सके तो हो सकता है कि आपके सम्बन्ध में कोई न कोई कमी है।
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