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Monday 30 June 2014

Mujhe laga meri yoni nahi hai

मुझे लगा मेरी योनि नहीं है
मुझे लगभग भरोसा हो गया था कि मेरी योनि नहीं है", सबाना बताती हैं।
मुझे लगभग भरोसा हो गया था कि मेरी योनि नहीं है", सबाना बताती हैं। Sex करने के बारे में सोचकर ही मुझे कुछ अजीब सा लगने लगता था: आखिर कोई चीज़ कैसे मेरे शरीर में बिना चोट पहुंचाए प्रविष्ट कर सकती है? उनके मन के इस राय ने उन्हें इस बारे में भयभीत कर रखा था But इसी भय ने उन्हें सच को जानने का कौतुहल भी दिया।
जब भी मेरे दोस्त Sex के बारे में चर्चा करते थे तो मुझे लगता था कि हो सकता है कि मेरे साथ कोई गड़बड़ है। मेरी आँखों के सामने सिर्फ खून और तकलीफ आती थी। योनि मैथून कि कल्पना करना भी कठिन था। मुझे विश्वास था कि Sex करने से बहुत सारा खून बहेगा और हो सकता है कि लकवा भी हो सकता है। और Sex करने का कोशिश करते हुए हस्पताल पहुंचना बेहद शर्मिंदगी कि बात होगी!
जब भी मेरा Partner Sex के कोशिश में लिंग को प्रविष्ट करने कि कोशिश करता, मेरा पूरा शरीर  मानो अकड़ सा जाता। चाहे Sex से पहले का फोरेप्ले कितना भी अच्छा क्यूँ न हो,
योनि के भीतर लिंग डालने के कोशिश मात्र से ही मैं घबरा जाती थी। मुझे मन ही न लगने लगा कि मुझे ये मान लेना चाहिए कि मेरा शरीर योनि रहित है। और अपने इस बेवकूफी भरे ख्याल को अपने बॉयफ्रेंड से बांटनें में मुझे शर्म Feel हो रही थी।
ये ख्याल मेरा पीछा बेडरूम के बाहर भी करता ही रहता था। मैं Internet पर इस बारे जानकारी में ढूंढ़ने लगी और कोई भी जानकारी मुझे इस डर से आज़ाद नहीं करा पायी। मैंने एक करीबी दोस्त से इस बारे में बात करने का निर्णय किया। But अपने इस मूर्खतापूर्ण डर को ईमानदारी से कह पाना ज़रा कठिन था।
मेरा बॉयफ्रेंड इस समस्या के बारे में मेरी मानसिक अवस्था को समझ कर मेरा पूरा सहयोग करने कि कोशिश कर रहा था, But यदि उसका धैर्य ख़तम हो गया तो? Sex के लिए पूरी तरह उत्तेजित हो जाना और फिर Sex न करना हर बार आसान नहीं था। मुझे ये अपराध बोध सताने लगा- मैं उससे प्यार तो कटी थी But उसे अपनी इस मानसिक स्थिति के चलते Sex से वंचित रख रही थी। हो सकता है कि मैं उसके लिए 'अच्छी' नहीं थी।
शरीर पर बनने वाले टैटू कि तरह मेरा ये डर गहरा होता जा रहा था। जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैंने अपने Partner से इस बारे में बात कि। हम डिनर करने गए और उसके बाद फ़िल्म देखने। मुझे बहुत तसल्ली हुई जब मैंने सब कुछ कह दिया, जैसे कोई बोझ उतर गया हो।
एक रात मैं जब अकेली थी तो मैंने एक प्रयोग किया, मैंने एक इयर बड को अपनी योनि में डालने कि कोशिश कि ये जानने के लिए कि वो अंदर जायेगा या नहीं। मुझे कोई दर्द Feel नहीं हुआ। मैंने थोडा और सहस अर्जित किया और फिर एक ऊँगली प्रविष्ट कि, वो भी आसानी से अंदर प्रवेश कर गयी। धीरे धीरे मैंने तीन ऊँगली अंदर डाल कर देखि और मैंने पाया कि मुझे दर्द नहीं हुआ।
तो आखिर मेरे पास भी एक योनि थी जिसके अंदर कोई चीज़ प्रवेश कर सकती थी। अगली सुबह मुझे एक अजीब सी ख़ुशी थी। अगली शाम थोड़ी वाइन पीने के बाद आत्मविश्वास से भरी Sex के लिए तैयार मैं अकेली नहीं थी, मेरे बॉयफ्रेंड को भी अपना रास्ता ढूंढ़ने और प्रवेश करने में कोई तकलीफ नहीं हुई!
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