क्यों आवश्यक है सेक्स (Sex) शिक्षा
भारत में विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष मानी गई है। जब लड़की 18 वर्ष की हो जाती है तो उसे विवाह के योग्य समझकर उसकी शादी कर दी जाती है। लेकिन सेक्स (Sex) शिक्षा के अभाव में उसे कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से लड़ना पड़ता है। पिछड़े इलाकों में सेक्स (Sex) शब्द का नाम लेना गलत समझा जाता है, जिसकी वजह से लड़कियों को सेक्स (Sex) की सही शिक्षा नहीं मिल पाती है। लेकिन जैसे-जैसे लड़कियां शिक्षित होने लगी है वैसे-वैसे लड़कियों में सेक्स (Sex) को लेकर फैली अज्ञानता दूर होने लगी है। आज 50-55 प्रतिशत लड़कियां यह मानने लगी हैं कि महिलाओं के लिए विवाहित जीवन में सेक्स (Sex) शिक्षा का होना बेहद आवश्यक है। यहां तक कि स्त्री-पुरुष दोनों ही इस बात को मानने लगे हैं कि विवाहित जीवन को सफल और सुखमय बनाने के लिए सेक्स (Sex) शिक्षा कितना आवश्यक है।सेक्स (Sex) शिक्षा के फायदें
1. शादीशुदा व्यक्तियों को सेक्स (Sex) शिक्षा देने से उन्हें अनचाहे गर्भ की परेशानी से बचाया जा सकता है। जिसकी वजह से एबार्शन के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
2. सेक्स (Sex) शिक्षा से एचाईवी एड्स जैसे यौन रोगों से बचाव होता है। उन्हें कांडम के इस्तेमाल के बारे में बताना चाहिए जिसकी वजह से वे सुरक्षित यौन संबंध के लिए प्रेरित होते हैं जिससे यौन रोगों से उनकी रक्षा होती है।
3. शादीशुदा व्यक्तियों को सेक्स (Sex) शिक्षा देने से जनसंख्या वृद्धि रोकी जा सकती है। साथ ही उनको यह भी बताना चाहिए कि बच्चे को अच्छी परवरिश देने के लिए दो से ज्यादा बच्चे नहीं होने चाहिए।
4. सेक्स (Sex) शिक्षा के अभाव के चलते व्यक्तियों में गलत धारणाएं पैदा होने लगती हैं। गलत जानकारी होने के कारण उनमें भ्रम और गलतफमियां पैदा हो जाती हैं जो जीवन में आगे चलकर परेशानी का कारण बन जाता है।
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