मुझे वो पसंद है
मुझे एक लड़का अच्छा लगता है, But वो मेरी caste का नहीं है। मैंने हमेशा से सोचा था
कि मैं अपनी caste
में ही शादी करुँगी - हो सकता है कि बचपन से यही सिखाया भी गया था। But वास्तव में मुझे ऐसे ही किसी लड़के कि
चाह थी। यदि मैं उसके बारे में सीरियस हो गयी तो? please मुझे guide करिये- मेनिका (21)
मेनिका यदि तूने मुझसे सीधा प्रश्न पुछा होता
तो मैं तुझे सीधा जवाब दे देती कि "जा जिसे प्यार करती है, उसे
जाने मत दे- अच्छे लड़के आसानी से नहीं मिलते आजकल!" लेकिन, किन्तु,
परन्तु
मेनिका तूने जब बात समाज और caste कि
है तो हमें ज़रा इस बारे में पूरी बात करनी चाहिए, अलग नज़रिये से!
सबसे पहली बात, प्यार किसी बंधन
को नहीं जानता - प्यार में सौदा नहीं करते बेटा..यही सच है। But मुझे पता है कि समाज कई उलझनें पैदा
करता है और इसके बारे में बात करना ज़रूरी है।
तूने कहा कि बचपन से तुझे यही सिखाया गया है।
सच्ची? क्या तूने हर वो बात जिंदगी में उतरी है जो बचपन से सिखायी गयी?
क्या
तुझे गलत बात के खिलाफ प्रश्न उठाना नहीं सिखाया गया बचपन से? जात-पात
के भेद के लिए क्या वाकई आज के ज़माने में कोई Place है?
तो मुझे ये मत बता कि बचपन से क्या सिखाया गया
है। अपने आप से पूछ कि ये तो बोल रही है या तेरे अंदर तेरे परिवार और समाज का डर
बोल रहा है। क्या तुझमे दम है अपने परिवार के खिलाफ जाने का, और हो
सकता है कि उसके परिवार के खिलाफ भी? क्या सारी दुनिया से लड़कर उस एक इंसान
के लिए तो सबका सामना करने कि हिम्मत रखती है?
मेनिका जी, यदि तेरे मन में
एक परसेंट संदेह है कि ये लड़का तेरे लिए सबसे अच्छी choice नहीं है- तो
आगे मत बढ़। एक तरफ प्यार किसी बंधन को नहीं मानता, वहीँ इस बात को
नाकारा नहीं जा सकता कि जातपात और समाज के बंधन इंसान कि अग्नि परीक्षा लेते हैं
जिनसे बचना सम्भव नहीं है।
इन् मामलो में व्यक्ति अपने ही बच्चों के खिलाफ
ऐसे कदम उठा लेते हैं कि इंसानियत से भरोसा उठ जाता है। मैं ये नहीं केह रही कि
तेरे साथ ऐसा होगा But बुरे
के लिए तैयार रहना समझदारी है। इसलिए गहरायी से सोच।
मेनिका, इस लड़के के साथ
बैठ कर ठन्डे दिमाग से प्लानिंग करले कि कौनसी चीज़ें तुम्हारे लिए कठिन बन सकती
हैं। हर सम्भव कठिनाई का जायज़ा लेना।
उसके बाद आराम से बैठ कर सोच कि क्या तो ये सब
मुश्किलें झेल पायेगी? पापा का गुस्सा, मम्मी का रोना
धोना, क्या तो इस तमाशे को झेलने के लिए तैयार है? ये सब सम्भव है,
यदि
ये हुआ तो कहीं तेरा इरादा बदल तो नहीं जायेगा?
अब ज़रूरी बात ये है कि आखिर तेरा ये राजकुमार
लड़का कैसा है? क्या ये अपनी माँ का सामना तेरा हाथ थाम कर कर
पायेगा? ये अच्छी तरह परख ले। एक कड़वा सच ये है मेनिका कि हम अक्सर दबाव में
इरादा बदल देते हैं और ज़रूरी नहीं कि हम कमज़ोर हों, कई बार समझदारी
इसी में होती है। इस दिशा में बढ़ने में रस्ते में कई तूफानों का सामना तुम करना पद
सकता है, जहाँ तुम दोनों को एक दूसरे कि ताकत बनना पड़ेगा।
दूसरी तरफ, यदि तो ये रिस्क
नहीं लिया तो हो सकता है कि तुझे उम्र भर उसके साथ रहना पड़ेगा जिसे कोई और तेरे
लिए चुनेगा। इस बारे में ज़यादा बात करने कि ज़रूरत नहीं है कि ऐसी ज़िन्दगी में यदि प्यार,
चाहत,
दीवानगी
नहीं हुई तो क्या होगा?
मेनिका कुछ टाइम लेके आराम से सोच। अपना मन बना
ले और फिर अपने उस हीरो के मन को परख ले- सिर्फ रोमांस में पागल मत हो, उसका
असली मानसिक दमखम अच्छी तरह जाँच लेना। और फिर फैसला लेना- अपने दिल का फैसला!
मेरी दुआएं तेरे साथ हमेशा रहेंगी मेरी बच्ची!
क्या आप भी अपनी caste के व्यक्ति से ही शादी करना पसंद करेंगे?
मेनिका
के लिए आपके पास कोई सलाह है? यहाँ या फिर फेसबुक पर अपनी राय हमें
बताएं।
kamasutragyan.blogspot.in
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