प्यार में हम थोड़े नादान क्यों बन जाते हैं?
नए प्यार का महसूस हमारी सोचने की शक्ति पर असर डाल सकता है। और महसूस जितना गहरा हो, असर भी उतना ही ज़्यादा हो सकता है।प्यार में होने का महसूस बिलकुल निराला होता है। काफी उतार-चढाव का दौर होता है, उनकी आवाज़ सुनकर या झलक पाकर एक करंट सा दौड़ जाना या उनसे दूर रहकर उनसे मिलने की तड़प!
Relation की शुरुवात में अपना सारा ध्यान अपने प्रेमी या प्रेमिका पर लगा डालना साधारण बात है। कठिन तब शुरू होती है जब आपको और चीज़ों पर भी ध्यान देना पड़ता है। ऐसे में छोटे-छोटे काम भी चुनौती के समान बन जाते हैं।
इसके पीछे की वजह ये है की प्यार हमारी सोचने की शक्ति पर आघात कर सकता है, हाल में हुए एक सर्वे से पता चलता है। यह पहला अध्ययन है जो इस बात की पुष्टि करता है की प्यार हमारे 'ज्ञानात्मक नियंत्रण' खो देने की वजह बन सकता है। और इसका मतलब है की आप होमवर्क करने से लेकर किसी परेशानी का तार्किक हल निकालने तक में परेशानी Feel कर सकते हैं।
इस अध्यन में 43 Young जोड़ों से कुछ टास्क करने को कहे गए जिनसे उनकी एकाग्रता का परिक्षण हो सके। ये वो व्यक्ति थे जिन्हे कुछ महीनो पहले ही प्यार हुआ था।
अध्यनकर्ताओं ने पशनोमेट्रिक अमोरस्कोप की सहायता से उनके प्यार की गहरायी को भी मापा। जी हाँ, यह पिछला वाक्य झूठ है! उन्होंने सिर्फ एक प्रश्नावली की सहायता से प्रेमी युगलों के 'मस्त मौला' या 'दीवानेपन' होने का पता लगाया। इन् सवालों के आधार पर एक से नौ अंकों का स्कोर दिया गया।( जी हाँ, आप भी इस प्रश्नावली के ज़रिये अपने दीवानगी या प्यार की गहरायी का स्तर माप सकते हैं)
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