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Tuesday 17 June 2014

Garbhpaat men maa ne sahayata ki

गर्भपात (Abortion) में माँ ने सहायता की
मौज और मस्ती करने वाली और चिंता मुक्त स्वभाव की लड़की है।
कविता एक आम युवती है – मौज और मस्ती करने वाली और चिंता मुक्त स्वभाव की लड़की है।  उसे सिर्फ उसक कपड़ों और परीक्षा की चिंता रहती हैI But एक बात अलग है, वो गर्भवती (Pregnant) है, और स्पष्ट है की वो ये बच्चा नहीं चाहती और गर्भपात (Abortion) ही सिर्फ एक रास्ता है। मैं हो सकता है कि किसी भी दूसरे युवक-युवती की तरह ही हूँ। जीवन से खुश, करियर को लेकर ज़रा चिन्ता में और कील-मुहांसों से भयभीत। मैं और मनोज कई साल से साथ पढ़ते हैं But हमारे सम्बन्ध को एक साल हुआ हैI
हाथों में हाथ डालना तथा Kiss और कपड़ों में हाथ डालना आदि Natural रूप से शुरू हुआ। रिश्ता शुरू होने के पांच महीने बाद हमारा खुद पर Control न रह पाया और हमने Sex कर ही लिया। हमें Sex की ज़्यादा जानकारी भी नहीं थीI
Internet पर इस बारे में जानकारी ढूंढने के बाद, और Friends से पूछ कर हमने अपने आप को Sex के लिए तैयार समझ लिया। Time और Place पक्की हो गयी, Condom भी खरीद लिए गए। पहली कुछ बार कुछ अटपटा सा लगा But कुछ ही दिनों में हम इसके आदि हो गए और Sex का खूब आनन्द लेने लगे।
जल्द ही मैंने पाया की मेरी माहवारी (Menses) रुक गयी। इसके बाद मुझे डर लगने लगा क्योंकि मैं शादिशुदा नहीं थी। फिर मैने घर की अलमारी में गर्भ जांचने की किट निकाली और Test किया। इसके बाद मुझे पता चला कि मैं गर्भवती (Pregnant) हो गई हूं।
मैंने मनोज को बताया और उसे भी एक प्रकार का बड़ा झटका लगा।  उसके पास कहने के लिए एक भी शब्द नहीं बचे थे। मुझे ये नहीं पता नहीं चल पा रहा था की मैं अब क्या करूँ। इसके बाद मैंने Friends को बताया। जिसका मुझे कोई फायदा\नहीं हुआ क्यूंकि कुछ ने दया दिखाया और कुछ ने नफरत से मुधे देखाI कुछ Friend सहायता करना चाहते थे But उन्हें खुद नहीं पता था कि क्या करें।
मुझे यह तो पता था कि मुझे गर्भपात (Abortion) तो करवाना पड़ेगाI मैंने Internet पर कुछ Clinic देखे और खर्चे के बारे में पता कियाI इसके बाद हिम्मत जुटा कर एक Clinic जाने का फैसला लिया। But अंदर जाते ही जिस तरह कि नज़रों से मुझे देखा गया। मेरी हिम्मत टूट गयी तथा मैं वापस आ गई। मुझे कफी बुरा महसूस होने लागा। फिर मैंने कोशिश करके अपनी माँ को बताया। फिर मां ने भी बहुत कुछ डाटा तथा इसके बाद समझाया। मैने अपनी माँ को ये सब बताय जो मेरे जीवन का सबसे कठिन था। आघात, गुस्सा, आश्चर्य और निराशा जैसे न जाने कितने चिजे मेरे सामने आने लगे। But कुछ देर बाद मां शांत हो गयीं और कहने लगी कि हो सकता है कि मैं तुझ पर अब कभी भरोसा न करू और माफ भी न कर सकूं। मुझे थोड़ा Time लगेगा पर मुझे ख़ुशी है कि तूने इस गलती को मुझे बताया।
इसके बाद माँ ने एक Clinic का पता किया जो विश्वसनीय था और घर से दूर भी था ताकि किसी को पता न चल सके। हम साथ में Clinic गए। मुझे डर भी लग रहा था, But साथ ही मुझे तसल्ली थी की मैं अकेली नहीं थी। पूरी प्रक्रिया में ज़्यादा Time नहीं लगा और मैं उसी दिन वापस घर भी आ गयी। हमने इस बारे में पापा समेत किसी को नहीं बतायाI मुझे कुछ खोने का महसूस हो रहा था और मेरी माँ ने बताया की वो साधारण बात थी।
गर्भपात (Abortion) के बारे में आप सबो कि क्या राय है? क्या आप भी कभी कविता जैसी परिस्थिति से गुज़रे हैं? तो हमे अपने राय और अनुभव हमारे पास भेजे।

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