वर्जिनिटी जानने का कोई तय तरीका नहीं है
हमेशा से महिलाओं की वर्जिनिटी बेहद खास चीज़ मानी जाती रही है। वर्जिनिटी को मूल्यों और संस्कारों से जोड़कर देखा जाता रहा है। खास तौर पर महिलाओं की वर्जिनिटी पर ज्यादा जोर दिया जाता है। हालांकि अब यह धारणाएं टूट रही है। शादी से पहले सेक्स अब कोई वर्जित विषय नहीं रहा।हालांकि शादी और खासकर अरेंज मैरेज की बात आती है, तो कई लोग की सोच अभी भी पहले जैसी ही है। उनके लिए वर्जिनिटी काफी मायने रखती है। हमारे समाज में इस तरह की मानसिकता वाले लोगों की तादाद बड़ी संख्या में है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये सारी बातें हमारी संस्कृति और परंपरा में मजबूती से बनी हुई हैं। ऐसे कई मर्द हैं जो अभी भी जानना चाहते हैं कि उनकी गर्लफ्रेंड या पत्नी वर्जिन है या नहीं? इसका साफ जवाब है कि इसे जानने का कोई रास्ता नहीं है।
सेक्स करने पर ब्लीडिंग
कई मर्दों की पुरानी शिकायत है कि पहली रात में उनकी पत्नी को ब्लीड नहीं हुआ। इसका मतलब है कि लड़की वर्जिन नहीं है। यह पूरी तरह से बेवकूफाना सोच है कि ब्लीड नहीं हुआ तो लड़की वर्जिन नहीं है। ऐसा सभी के साथ जरूरी नहीं है। फैक्ट्स कहते हैं कि सिर्फ 42 प्रतिशत महिलाओं को ही पहले इंटरकोर्स के दौरान ब्लीडिंग होती है। इसलिए यह कहना समझदारी नहीं है कि पहली बार ब्लीड करने का मतलब वर्जिन होना है।
वर्जिन होने पर भी नहीं हो सकती है ब्लीडिंग
सच तो ये है कि फीमेल प्राइवेट पार्ट में मौजूद हाइमन के रप्चर होने से ब्लीडिंग होना वर्जिनिटी का सबूत नहीं है। सच यह है कि कुछ महिलाओं में तो हाइमन जन्म से नहीं होती। कई महिलाओं में यह लेयर बेहद इलास्टिक होती है और इंटरकोर्स के दौरान भी रप्चर नहीं होती। यही नहीं, कई महिलाओं को इसके रप्चर होने के बारे में पता ही नहीं चलता। हाइमन को सेक्स किए बिना दूसरी वजहों से भी नुकसान पहुंच सकता है। स्पोर्ट्स, स्विमिग, डांसिंग, घुड़सवारी या टू-वीइकल्स पर पांव इधर-उधर करके बैठने से भी इसे नुकसान पहुंच सकता है।
कोई लड़की वर्जिन है या नहीं, इसका पता दो ही तरीकों से चल सकता है- या तो वह प्रेगनेंट हो चुकी हो या फिर वह खुद स्वीकार कर ले।
कोई लड़की वर्जिन है या नहीं, इसका पता दो ही तरीकों से चल सकता है- या तो वह प्रेगनेंट हो चुकी हो या फिर वह खुद स्वीकार कर ले।
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