HIV Aids shiksha kyon jaroori hai
एचआईवी
एड्स शिक्षा क्यों ज़रूरी है
एचआईवी
पीडितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लोगों को एड्स के बारे में शिक्षित करना
बहुत जरुरी हो गया है। हर साल एचआईवी के 50,000
नए मामलें सामने आ रहे हैं। एड्स के प्रति जागरुकता ही इसका सबसे बड़ा बचाव है।
एड्स की शिक्षा हर उम्र के लोगों को दी जानी चाहिए खासकर युवाओं को जो कि यौन रुप
से काफी सक्रिय होते हैं। एचआईवी से बचने के कई तरीके हैं, जरूरत
है इनके बारे में लोगों को जागरुक करने की, जिससे वे एचआईवी
के खतरों से बच सकते हैं। आंकड़ों के मुताबिक 35 मिलियन लोग एचआईवी के संक्रमण के साथ जी रहे
हैं।
एड्स
की शिक्षा क्यों जरूरी
एचआईवी
की शिक्षा से लोगों को एचआईवी के समाजिक कारण, एचआईवी
से समाज व देश पर पड़ने वाले प्रभावों के साथ इससे बचाव की भी जानकारी होती है।
साथ ही यह शिक्षा भी दी जानी चाहिए कि एचआईवी पीडितों के साथ कैसा व्यवहार करें।
इससे लोगों में संक्रमित लोगों से भेदभाव में कमी व गलतफहमी कम होती है। कुछ लोगों
में उनके काम की कारण से एड्स होने का खतरा ज्यादा होता है, जैसे
ऐसी जाब जिसमें लोग ज्याएदा तनाव (Tension) में रहते हैं या
अधिक से अधिक समय घर से बाहर बिताते हैं, क्योंकि इन्हें
ज्यादा से ज्यादा समय घर से बाहर रहते हैं। इसलिए एड्स की शिक्षा के द्नारा इसके
संक्रमण से बचाया जा सकता है।
सिर्फ
यौन संबंध (Sexual Relation) से नहीं होता एड्स
एड्स
कैसे फैलता है, इस बात को लेकर कई भ्रांतियां हैं, जिसका निदान एड्स की शिक्षा के जरिए ही किया जा सकता है। एड्स सिर्फ
असुरक्षित यौन संबंध (Sexual Relation) से ही नहीं फैलता है।
अस्पताल में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों में मरीजों को लगाए जाने वाले
इंजेक्शन या कैंची जैसे अन्य उपकरणों से एड्स का संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता
है। इसलिए इन जगहों पर काम करने वाले लोग एड्स की शिक्षा से इसके खतरे से बच सकते
हैं।
कार्यस्थल
पर एड्स की शिक्षा
आजकल
कई ऐसी कंपनियां हैं जो अपने कर्मचारियों को एड्स के प्रति जागरुक करने के लिए कई
अभियान चलाती हैं। जिससे लोगों में एड्स के बारे में जो भी गलतफहमी होती है वह दूर
हो जाती है साथ ही उन्हें जानकारी भी मिलती है जो उनके लिए सुरक्षित होती है। इन
अभियानों से एड्स पीडित लोगों के लिए लोगों के मन में जो भी शंकाए (जैसे संक्रमित
व्यकित को छूने से एड्स हो सकता है) होती हैं उनका जवाब मिल जाता है।
स्कूलों
में एड्स की शिक्षा
स्कूलों
में एड्स क बारे में बच्चों को शिक्षित करना बहुत जरूरी है। किशोरावस्था में
बच्चों के मन में एड्स के बारे में कई सवाल होते हैं कि यह है क्या?
ऐसे में स्कूल में दी जाने वाली एड्स की शिक्षा का बहुत अहम रोल
होता है। किशोरावस्था में बच्चों को इसकी जानकारी देने से यह फायदा होता है कि जब
वे यौवनावस्था में पहुंचते हैं, तो वे इसके खतरे से खुद को
बचा सकते हैं। स्कूलों में बच्चों को एड्स की शिक्षा देने से उनके द्वारा यह
शिक्षा उनके परिवार व दोस्तों तक भी पहुंचती है।………………
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