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Thursday 20 February 2014

Garbhnirodhak ke prakar aur karyvidhi

गर्भनिरोधक के प्रकार और कार्यविधि

लगभग हर बार Sex के बाद गर्भधारण की संभावना होती है। हमारे देश की आबादी बहुत अधिक है और इसलिए समय की मांग है कि हम गर्भनिरोध के तरीके अवश्‍य अपनाएं। गर्भनिरोधक कई प्रकार के हो सकते हैं।बैरियर मैथर्ड, जैसे कण्‍डोम, जिनमें पुरुष और महिला दोनों प्रकार के कण्‍डोम मौजूद हैं। इसके बाद इन्‍ट्रा यूट्राइन डिवाइस की बात करते हैं, इन्‍हें महिला के गर्भ में स्‍थापित किया जाता है और ये अधिक से अधिक दस वर्षों तक काम करती हैं। यह दुनिया भर में काफी पसंद किया जाता है। इसके बाद गर्भनिरोधक गोलियां भी काफी इस्‍तेमाल की जाती हैं। लेकिन, इनके दिशा-निर्देशों का सही प्रकार पालन करना जरूरी है। यह विकासशील देशों की अपेक्षा , पश्चिमी देशों में अधिक पसंद की जाती हैं। इसके बाद इंजेक्‍टबिल कॉन्‍ट्रासेप्टिव का इस्‍तेमाल किया जा सकता है।……………

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गर्भनिरोधक

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